दर्जनों नकाबपोश जेएनयू में कैसे घुसे? तीन घंटे तक हिंसा क्यों होती रही और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही? जेएनयू प्रशासन और वाइस चांसलर क्या कर रहे थे? क्या उनके ऊपर से कोई आदेश आया था? क्या यह पूरी साज़िश थी? किसके इशारे पर यह सब किया गया? देखिए शैलेश की रिपोर्ट में जेएनयू के छात्र रहे और वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश और विनोद अग्निहोत्री की चर्चा।