कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी अपनी पारंपरिक सीट अमेठी के अलावा केरल के वायनाड से भी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। आख़िर माजरा क्या है? देखिये वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष, शीतल पी सिंह और यूसुफ़ अंसारी की चर्चा।
चुनाव से पहले वोटरों को ठगने के प्रोपगेंडा का फ़ेसबुक ने भंडाफोड़ क्या किया राजनीतिक दल एक-दूसरे को फ़ेक न्यूज़ फैलाने वाले बताने लगे। इसने क़रीब 700 फ़ेसबुक पेज और खातों को हटा दिया।
आज़ादी के बाद देश को सत्तर साल हो गये हैं, लेकिन इसके नेता एक किशोर की भाषा बोलते हैं। राष्ट्र व्यस्क हो गया है, लेकिन इसके नेता एक बुरे नौसिखिये की तरह आपस में लड़ते हैं।
राहुल गाँधी अमेठी के साथ केरल की वायनाड लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी के तमाम नेता कह रहे हैं कि राहुल अमेठी में स्मृति ईरानी के मुक़ाबले अपनी हार से डर गए हैं। तो क्या सच में राहुल डर गये हैं?
रायबरेली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जब कहा कि आप रायबरेली से चुनाव लड़ें तो इसके जवाब में प्रियंका गाँधी ने कहा कि अगर वे बनारस से चुनाव लड़ती हैं तो कैसा रहेगा? कहीं वह मोदी के ख़िलाफ़ तो नहीं उतरेंगी? देखिये वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और शैलेष की चर्चा।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर 11 अप्रैल को वोट डाले जाएँगे।राजनीतिक दृष्टि से पश्चिमी उत्तर प्रदेश बेहद महत्वपूर्ण इलाक़ा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से यह बात साफ़ हो गई है कि चुनाव राष्ट्रवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा, देशप्रेम, पाकिस्तान विरोध तथा आतंकवाद के मुद्दों पर लड़ा जाएगा।
क्या वोट के लिए मुफ़्त में सामान बाँटने जैसी पेशकश करना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है? यदि नहीं है तो क्या इसे उल्लंघन के दायरे में नहीं होना चाहिए? यह सवाल एक ऐसे ही विज्ञापन के बाद उठ रहा है।
लोकसभा चुनाव से पहले कई नामी-गिरामी उम्मीदवार रातों-रात पार्टियाँ बदल रहे हैं, उनकी चर्चा सुर्खियों में है लेकिन बीजेपी ने अपने जिन वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार किया है, उनकी चर्चा सबसे ज़्यादा है।
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक हालात देखकर ऐसा लगता है कि प्रदेश में बना गठबंधन और कांग्रेस, दोनों एक-दूसरे का नुक़सान करने और बीजेपी को फायदा पहुँचाने में लगे हैं।