उत्तर प्रदेश के कानपुर ज़िले में 13 साल की जिस बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला पुलिस में दर्ज कराया गया था, उसके पिता की सड़क हादसे में बुधवार को मौत हो गई। परिजनों ने इसे हत्या क़रार दिया है और पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाया है।
इस सामूहिक बलात्कार कांड के अभियुक्त दीपू यादव और सौरभ यादव के पिता कन्नौज में पुलिस सब इंस्पेक्टर हैं। पीड़िता के परिजनों ने कहा है कि मामला दर्ज कराए जाने के बाद अभियुक्त के परिवार वालों ने उन्हें डराया-धमकाया था।
'पुलिस वालों ने धमकाया'
पीड़िता के परिवार के एक सदस्य ने कहा, "ज्यों ही हमने मामला दर्ज करवाया, मुख्य अभियुक्त के बड़े भाई ने हमें धमकाया और चेतावनी देते हुए कहा था, हमारे पिता पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं।"
पीड़िता के दादा ने पत्रकारों से कहा, "मेरे बेटे की हत्या की गई है....पुलिस की इन लोगों से सांठ-गांठ है।" इसके एक दिन पहले यानी मंगलवार को पीड़िता के परिवार के अन्य सदस्य ने भी पत्रकारों को बताया था कि उन्हें धमकियाँ मिल रही हैं।
'जाँच जारी है'
कानपुर के ज़िला मजिस्ट्रेट डॉक्टर आलोक तिवारी ने एक वीडियो संदेश में कहा है कि दोनों मामलों की विवेचना की जाँच की जा रही है। उन्होंने कहा, "पूरा प्रशासन पीड़िता के परिवार के साथ है। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पीड़िता के परिवार को पाँच लाख का मुआवजा देने की घोषणा की गई है। दोनों ही मामलों की जाँच की जा रही है। अभियुक्तों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
कानपुर पुलिस के प्रमुख डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह ने कहा, "जब मेडिकल चेकअप चल रहा था, लड़की के पिता चाय पीने के लिए बाहर आए। हमें पता चला है कि उनकी मौत ट्रक एक्सीडेंट में हुई है। उन्हें तुरंत कानपुर अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उनकी मौत हो गई। हमने एक्सीडेंट केस फाइल किया और जाँच कर रहे हैं।"
कानपुर पुलिस ने मंगलवार को पीड़िता के पिता की शिकायत पर सामूहिक बलात्कार और आपराधिक दबाव बनाने के आरोपों के तहत मामले दर्ज किए थे।
अपनी राय बतायें