प्रयागराज में हुई दलित परिवार की हत्या के मामले में स्थानीय पुलिस ने 23 साल के युवक को गिरफ़्तार किया है। युवक का नाम पवन सरोज है और वह भी दलित समुदाय से है। इस मामले में पड़ोसी दबंग परिवार पर आरोप है कि उसने ज़मीन विवाद के एक मामले में रंजिश रखते हुए दलित परिवार के चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया। यह घटना फाफामऊ क्षेत्र में हुई थी।
इस घटना में फूलचंद्र (50 वर्ष) उसकी पत्नी मीनू (45 वर्ष), बेटी (17 वर्ष) और बेटे शिव (10 वर्ष) की हत्या हुई थी।
प्रयागराज जोन के एडीजी का कहना है कि पवन सरोज मृतक परिवार की लड़की को मोबाइल पर मैसेज भेज रहा था, लगातार परेशान कर रहा था लेकिन लड़की उसे मना कर रही थी। अंतिम मैसेज और सबूतों के आधार पर इस शख़्स की गिरफ़्तारी हुई है।
उन्होंने कहा कि पवन सरोज विवेचना में सहयोग नहीं कर रहा है लेकिन यह बात सिद्ध हो गई है कि उसने कुछ लोगों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस ने कहा है कि ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आया है कि पड़ोसी परिवार ने इस वारदात को अंजाम दिया है हालांकि जांच जारी है।
पुलिस का कहना है कि मृतक लड़की के मोबाइल की जांच की गई तो उसमें कुछ मैसेज मिले। इनकी जांच के आधार पर पवन सरोज को पकड़ा गया और उसका मोबाइल जब्त किया गया। उन्होंने कहा कि मृतक लड़की नाबालिग नहीं है और उसके साथ बलात्कार की पुष्टि हो चुकी है।
पुलिस का कहना है कि पवन सरोज ने लड़की की मौत से कुछ घंटे पहले उसे आई हेट यू लिखकर मैसेज भेजा था।
पुलिस पर लगाए थे आरोप
मृतकों में नाबालिग लड़की के साथ ही 10 साल का लड़का भी था। लड़की का शव घर के अंदर मिला था जबकि बाक़ी लोगों के शव आंगन में मिले थे। मृतकों के परिजनों ने पड़ोसी परिवार पर घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि यह परिवार सवर्ण समुदाय से ताल्लुक रखता है।
पुलिस ने मामले में हत्या और दुष्कर्म की धाराओं में मुक़दमा दर्ज कर कई लोगों को गिरफ़्तार किया था।
परिजनों ने कहा था कि मारे गए लोगों का पड़ोसी सवर्ण परिवार के एक शख़्स के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था और सितंबर में इन लोगों पर हमला भी हुआ था लेकिन पुलिस इस मामले में समझौता कराने के लिए दबाव बना रही थी।
अपनी राय बतायें