loader

उत्तराखंड पुलिस पर आरोप, हेलमेट न पहनने पर युवक के माथे पर चाबी घोंपी 

क्या किसी ने अगर हेलमेट नहीं पहना है तो पुलिस को उसके माथे पर चाबी घोंप देनी चाहिए, कतई नहीं। लेकिन शांत माने जाने वाले पर्वतीय राज्य उत्तराखंड की पुलिस पर ऐसा आरोप लगा है कि उसने ऐसा दुस्साहसी कृत्य कर दिखाया है। आरोप है कि एक पुलिसकर्मी ने एक युवक के माथे पर चाबी घोंप दी। इसका वीडियो वायरल हो गया है। वीडियो में दिख रहा है कि युवक के माथे में चाबी गड़ी हुई है। 

वीडियो इतना डरावना है कि आपकी चीख निकल जाए। स्थानीय व सोशल मीडिया पर इस वीडियो को देख रहे लोग खाकी की इस गुंडई पर बेहद आक्रोशित हैं। 

ताज़ा ख़बरें

हुआ यूं है कि उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के रूद्रपुर में उत्तराखंड पुलिस की सिट्री पेट्रोल यूनिट (सीपीयू) ट्रैफ़िक नियमों का पालन कराने की अपनी ड्यूटी में तैनात थी। सोमवार शाम को 8 बजे पुलिस ने एक युवक को हेलमेट न पहनने के कारण रोका। इस युवक और पुलिसकर्मियों के बीच बहस हुई और ऐसा आरोप है कि पुलिसकर्मी ने युवक की बाइक की चाबी निकालकर उसके माथे पर घोंप दी। 

स्थानीय लोग आक्रोशित, किया पथराव

स्थानीय समाचार पत्रों के मुताबिक़, घटना के बाद लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने जाम लगा दिया। इसके अलावा उन्होंने पुलिस के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की और रुद्रपुर पुलिस स्टेशन पर पथराव भी किया। हंगामा बढ़ने पर रुद्रपुर के बीजेपी विधायक राजकुमार ठुकराल भी मौक़े पर पहुंचे और कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र से सीपीयू को हटाया जाना चाहिए। 

उत्तराखंड से और ख़बरें

तीन पुलिसकर्मी निलंबित 

उत्तराखंड के डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अशोक कुमार का कहना है कि सीपीयू कर्मियों के मुताबिक़ युवक ओवरस्पीड से आ रहा था और जब उसे रोका गया तो उस दौरान उसे यह चोट लग गई। उन्होंने कहा, ‘चोट की गंभीरता को देखते हुए हमने तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है और जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी, साथ ही युवक का इलाज भी कराया जाएगा।’ 

उन्होंने कहा कि कुछ लोग उत्तेजित होकर थाने पर आए और पथराव भी किया, हम ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ अवश्य कार्रवाई करेंगे। 

अक़सर कई राज्यों में पुलिसकर्मियों पर इस तरह की गुंडागर्दी करने के आरोप लगते रहते हैं। लेकिन क्या ऐसे मामलों में सिर्फ़ निलंबित कर देना ही काफी है। पुलिस को यह सिखाया जाना चाहिए कि वह लोगों की रक्षा के लिए है न कि उन पर हमले करने के लिए। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

उत्तराखंड से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें