loader

बीजेपी का मिशन बंगाल शुरू, क्या होगा कमाल?

क्या सचमुच बिहार के नतीजों का असर बंगाल के चुनावों पर पड़ेगा? इस बारे में फ़िलहाल कुछ कहना मुश्किल है। लेकिन बीते सप्ताह पश्चिम बंगाल के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में राज्य के 294 में से दो सौ सीटें जीतने का दावा कर राजनीति के ठहरे पानी में हलचल मचा दी है।
प्रभाकर मणि तिवारी

एक्ज़िट पोल के नतीजों और चुनावी पंडितों की भविष्यवाणी को झुठलाते हुए बिहार विधानसभा चुनावों में जीत के अगले दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मौत के खेल’ पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ठोस संदेश देते हुए मिशन बंगाल की शुरुआत कर दी है।

बिहार के नतीजों से बंगाल बीजेपी बम-बम है। नेताओं ने दावा किया है कि अबकी बंगाल की बारी है। अगले चुनावों में पार्टी दो-तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। लेकिन तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि बिहार और बंगाल की ज़मीनी स्थिति में ज़मीन-आसमान का अंतर है। यहाँ न तो बीजेपी का कोई संगठन है और न ही सहयोगी।

सम्बंधित ख़बरें

क्या सचमुच बिहार के नतीजों का असर बंगाल के चुनावों पर पड़ेगा? इस बारे में फ़िलहाल कुछ कहना मुश्किल है। लेकिन बीते सप्ताह पश्चिम बंगाल के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में राज्य के 294 में से दो सौ सीटें जीतने का दावा कर राजनीति के ठहरे पानी में हलचल मचा दी है। उन्होंने झारखंड से सटे बांकुड़ा ज़िले में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में कहा था कि जोश से नहीं होश से काम करें। उन्होंने कहा था कि वर्ष 2018 में जब मैंने लोकसभा की 22 सीटें जीतने का दावा किया तो विपक्ष ने खिल्ली उड़ाई थी। लेकिन हमने 18 सीटें जीत लीं और 4-5 सीटें बहुत कम अंतर से हमारे हाथों से निकल गईं। उन्होंने दावा किया कि बिरसा मुंडा के आशीर्वाद से अगले चुनाव में पार्टी कम से कम दो सौ सीटें जीतेगी। इस दावे पर जिनको जितना हंसना है, हंस सकते हैं। लेकिन अगर हमने सुनियोजित तरीक़े से काम किया तो इससे ज़्यादा सीटें भी जीत सकते हैं। राज्य के लोग बदलाव के लिए बेचैन हैं।

बीजेपी बंगाल में पहले से ही तृणमूल कांग्रेस पर अपने कार्यकर्ताओं की हत्या करने और सरकार प्रायोजित आतंकवाद फैलाने के आरोप लगाती रही है। इनके अलावा भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोपों के बूते ही उसने बीते लोकसभा चुनावों में अपनी सीटों की तादाद पिछली बार के दो के मुक़ाबले बढ़ा कर 18 तक पहुँचाने में कामयाबी हासिल की थी। हालाँकि तृणमूल कांग्रेस सरकार शुरू से ही इन तमाम आरोपों का खंडन करती रही है।

बिहार के चुनावी परिदृश्य से नदारद रहने वाले अमित शाह के दौरे ने यहाँ चुनावी माहौल पहले ही गरमा दिया है। उसके बाद अब प्रधानमंत्री ने भी अपने भाषण के ज़रिए मिशन बंगाल की भूमिका तैयार कर दी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बंगाल में हाल में हुई पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्याओं का भी ज़िक्र किया। किसी का नाम लिए बिना उनका कहना था कि जो लोग लोकतांत्रिक तरीक़े से हमारा मुक़ाबला नहीं कर पा रहे हैं, उन्होंने बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्या का तरीक़ा अपनाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव तो आते-जाते हैं, लेकिन ‘मौत के खेल’ से लोकतंत्र नहीं चलता है और इससे किसी को वोट नहीं मिल सकता।

bjp mission west bengal assembly election after bihar poll win - Satya Hindi

दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने मोदी पर जवाबी हमला बोलते हुए कहा है कि वह (तृणमूल) हिंसा व हत्या की राजनीति पर भरोसा नहीं करती। उसने उल्टे बीजेपी पर ही बंगाल में हिंसा का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा है कि मोदी को हिंसा से बचने की यह सलाह अपनी पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को देनी चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता सौगत राय कहते हैं, ‘बंगाल में हिंसा के लिए बीजेपी ज़िम्मेदार है। तृणमूल कांग्रेस अपने गठन के समय से ही पहले माकपा और अब बीजेपी के हाथों राजनीतिक हिंसा की शिकार रही है।’

उधर, शाह के बयान पर भी राजनीतिक घमासान जारी है। सौगत राय कहते हैं, ‘बीजेपी के पास मुख्यमंत्री पद का कोई उम्मीदवार नहीं है। पार्टी के पास न तो काडर है और न ही ज़मीनी समर्थन। बंगाल में दो सौ सीटें जीतने का अमित शाह का दावा सपना ही साबित होगा।’

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शाह को बाहरी क़रार देते हुए कहा है कि अगले चुनाव में लोग बंगाल से तृणमूल कांग्रेस नहीं बल्कि बीजेपी को उखाड़ फेंकेंगे। ममता ने शाह का नाम लिए बिना कहा है, ‘वह हमें उखाड़ फेंकने का दावा कर रहे हैं। लेकिन होगा ठीक इसका उल्टा। शिष्टाचार मत भूलें वरना बंगाल के लोग बाहरियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।’

bjp mission west bengal assembly election after bihar poll win - Satya Hindi

अगले चुनावों के लिए हाथ मिलाने वाली कांग्रेस और वाममोर्चा ने भी शाह के दावे को हक़ीक़त से परे बताया है। माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती कहते हैं, ‘बीजेपी का यह सपना कभी पूरा नहीं होगा। जाति और धर्म के आधार पर राजनीति की परंपरा बंगाल में कभी नहीं रही है। लोग चुनावों में भगवा पार्टी को माकूल जवाब देंगे। बिहार और बंगाल की ज़मीनी परिस्थिति में ज़मीन-आसमान का अंतर है।’ कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान कहते हैं, ‘यहाँ सांप्रदायिक राजनीति के सहारे सत्ता हासिल नहीं की जा सकती है। लोग बदलाव भले चाहते हों, यहाँ कांग्रेस-वाममोर्चा गठबंधन ही तृणमूल कांग्रेस का विकल्प है, बीजेपी नहीं।’

राजनीतिक पर्यवेक्षक विश्वनाथ चक्रवर्ती कहते हैं, ‘बीजेपी फ़िलहाल अंदरूनी गुटबाज़ी से जूझ रही है। यह सही है कि सीमावर्ती और आदिवासी-बहुल इलाक़ों में उसका प्रदर्शन बेहतर रहा था। लेकिन लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग होते हैं। मौजूदा परिस्थिति में बीजेपी का यहाँ सत्ता हासिल करने का दावा उतना मज़बूत नहीं नज़र आता।’
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
प्रभाकर मणि तिवारी

अपनी राय बतायें

पश्चिम बंगाल से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें