जवाहरलाल नेहरू का जिस्म भले ही नहीं रहा हो, लेकिन वह एक लड़ाई अभी भी लड़ रहे हैं। वह लड़ाई क्या है यह कंगना के उस बयान से भी पता चलता है जिसमें उन्होंने कहा है कि आज़ादी 1947 में नहीं बल्कि 2014 में मिली है।
देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर को हत्या कर दी गई थी। इस दिन और इसके बाद कुछ दिनों तक किस हाल से दिल्ली गुजरी थी जानिए वरिष्ठ पत्रकार मनोहर नायक की क़लम से...
गाँधीजी की डेढ़ सौवीं जयंती पर कई देखी-सुनी-पढ़ी बातें याद आयीं। सारी बातें और प्रसंग अत्यंत निकट और आसपास के लोगों से जुड़े हुए हैं, गाँधीजी काफ़ी आत्मीय थे।