तालिबान की कट्टरता अफग़ानिस्तान को कहाँ ले जाएगी? वे पिछली बार की तरह ही जुल्म ढाएंगे या फिर इस बार बदले हुए होंगे? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं- क़मर आग़ा, शिवकांत (लंदन), क़ुरबान अली, सज्जाद पीरज़ादा (लाहौर) और शीबा असलम फ़हमी
चित्रकूट में संघ यूपी चुनाव के लिए क्या कर रहा है? योगी राज को बचाने की वह क्या रणनीति बना रहा है? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं संतोष भारतीय, अंबरीश कुमार, सतीश के सिंह, प्रो. रविकांत और सिद्धार्थ कलहंस
मंत्रिमंडल विस्तार में मोदी ने नीतीश की क्यों नहीं सुनी? बिहार में वे मज़ाक के पात्र क्यों बन गए हैं? क्या बिहार की राजनीति में उनका महत्व ख़त्म हो रहा है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं एन. के. सिंह, निवेदिता, सतीश के सिंह, समी अहमद, ऋषि मिश्रा
मोदी सरकार के हमले तेज़, ख़तरें में सरकार? क्या करेंगे उद्धव और शरद पवार? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े, सतीश के सिंह, संदीप सोनवलकर, रवि आंबेकर, आलोक जोशी
शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों पर बीजेपी की तरफ से हमले क्यों हो रहे हैं? क्या वह किसानों को धमकाना चाहती है या फिर उन्हें हिंसा के लिए उकसा रही है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं-बालकरन ब्रार, अनिल त्यागी, पुष्पेंद्र सिंह, अनिला सिंह और शरद गुप्ता
क़रीब साढ़े तीन घंटे की बैठक का नतीजा क्या रहा क्या? मोदी सरकार मौजूदा गतिरोध को तोड़ पाने की दिशा में आगे बढ़ पाए? बैठक में हिस्सा लेने वाले 14 नेता बातचीत से कितना संतुष्ट हैं? और क्या उन्हें उम्मीद है कि दिल्ली कश्मीर समस्या का समाधान निकालने को लेकर गंभीर है?
काँग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की बग़ावत अब अनुशासन की हदें पार करती जा रही है। वे अमरिंदर पर लगातार हमले कर रहे हैं, उन्हें झूठा बता रहे हैं। सवाल उठता है कि ठीक चुनाव के पहले काँग्रेस इस सबको बर्दाश्त क्यों कर रही है और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?
असम के विख्यात आंदोलनकारी और विधायक अखिल गोगोई को एनआईए की विशेष अदालत द्वारा यूएपीए (ग़ैर क़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के एक मामले से मुक्त किया जाना बताता है कि उन्हें बदनीयत से फँसाया गया था।
प्रशांत किशोर का कहना है कि तीसरा-चौथा मोर्चा का फॉर्मूला पुराना पड़ चुका है तो फिर नया फॉर्मूला क्या होगा? कैसे बनेगा बीजेपी के विरोध में विपक्षी दलों का मोर्चा?
नीतीश ने चिराग पासवान से विधानसभा चुनाव का बदला ले लिया है। उनको उन्हीं के चाचा पशुपति पारस ने हाशिए में ढकेल दिया है। सवाल ये है कि क्या चिराग का राजनीतिक करियर अंधकार में खो जाएगा या मोदी-शाह उन्हें रौशनी देंगे?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वसरमा ने मुसलमानों को ही परिवार नियोजन की सलाह क्यों दी? क्या ये इस्लामोफ़ोबिया के ज़रिए सांप्रदायिकता फैलाने के उनके अभियान का हिस्सा है?
पिछले एक महीने से दिल्ली-लखनऊ में जंग छिड़ी हुई थी। लगता है कि संघ के बीच-बचाव से युद्ध विराम हो गया है। मगर सवाल ये है कि इस जंग में कौन जीता और ये युद्ध विराम किन शर्तों पर हुआ है?
अरसे बाद पहली बार टीका नीति पर सुप्रीम कोर्ट तनकर खड़ा हुआ है और उसने मोदी सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया है। लेकिन क्या वह बड़े टकराव के लिए तैयार है? सुप्रीम कोर्ट बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष दुष्यंत दवे से बातचीत
मोदी ममता की सरकार को कमज़ोर करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं, मगर ममता उनकी पार्टी को तोड़ने में लगी हैं। मुकुल रॉय और राजीब बैनर्जी जैसे बड़े नेता पार्टी छोड़ने के संकेत दे रहे हैं। ऐसे में वे बीजेपी को कैसे बचाएंगे?
अरसे बाद पहली बार टीका नीति पर सुप्रीम कोर्ट तनकर खड़ा हुआ है और उसने मोदी सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया है। लेकिन क्या वह बड़े टकराव के लिए तैयार है?
प्रधानमंत्री द्वारा टीका मुफ़्त किए जाने के फ़ैसले का श्रेय सुप्रीम कोर्ट को दिया जा रहा है। मगर क्या ये माना जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट बदल गया है और उसकी विश्वसनीयता बहाल हो रही है?
बीजेपी और मोदी दोनों के लिए यूपी के चुनाव महत्वपूर्ण हैं। इस चुनाव के नतीजे ही 2024 की राजनीति तय करेंगे। देखिये वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की ख़ास बातचीत राजनीतिक विश्लेषक, अभय कुमार दुबे के साथ
बेरोज़गारी के आँकड़े चरम पर पहुँच गए हैं, लेकिन मोदी सरकार के कानों में जूँ तक नहीं रेंग रही, आख़िर क्यों?हरवीर सिंह, जयशंकर, अशोक वानखेड़े, हरजिंदर, विजय त्रिवेदी
गुजरात में दलित युवक को इसलिए बुरी तरह से मारा गया क्योंकि उसकी मूंछें दबंग जातियों के अहंकार को ठेस पहुंचाती थीं। क्या है ये प्रवृत्ति, दलितों की आज़ादी किन्हें खटकती है?
बीजेपी ने यूपी के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है, मगर उसकी राह में क्या मुश्किलें हैं और वह उनसे कैसे निपटेगी? अरविंद मोहन, यशवंत देशमुख, विनोद अग्निहोत्री, प्रो.रविकांत
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी का कहना है कि अगर 2024 में चुनाव साफ़-सुथरे ढंग से हुए तो मोदी नहीं जीतेंगे। उनका कहना है कि जनता विपक्ष तैयार कर रही है और विपक्षी दल भी एकजुट हो रहे हैं।
इस्रायल और हमास के बीच युद्ध विराम की घोषणा हो गई है, मगर क्या वह टिक पाएगा और क्या ये स्थायी शांति का रास्ता खोल पाएगा? वैल अव्वाद, फ़िरोज़ मीठीबोरवाला, शीबा असलम फ़हमी
इज़राइल-फ़लस्तीन के बीच जारी ख़ून-ख़राबे को रोक पाने में नाकामी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की आलोचना शुरू हो गई है। यह आलोचना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तो हो ही रही है, उनकी अपनी पार्टी के सांसद तक कर रहे हैं।