हनी ट्रैप गैंग से बरामद अश्लील वीडियो के जखीरे में मध्य प्रदेश के एक पूर्व सांसद के 30 वीडियो मिले हैं। इससे परेशान होकर सांसद ने ख़ुदकुशी की कोशिश तक की थी।
कमलनाथ सरकार को क्या स्थानीय निकायों को लेकर राजीव गाँधी के सपने की फ़िक्र नहीं है? इसने यह फ़ैसला क्यों लिया कि महापौर और नगर निगम अध्यक्ष को जनता सीधे अपने वोट के ज़रिए नहीं चुनेगी?
महाराष्ट्र कांग्रेस के एक बड़े नेता ने इंदौर पहुंचकर हनी ट्रैप के आरोप में सीखचों के पीछे क़ैद पूरे गोरखधंधे की मास्टर माइंड युवती से मुलाक़ात करने की कोशिश की है।
भोपाल में लोग डूब रहे थे और बचाव के लिए गई नावें वीडियो बनवाने में लगी रहीं। गोताखोरों को मीडिया के लिए अच्छी फ़ुटेज देने के काम में लगा दिया गया। क्या मर गई इंसानियत?
सरदार सरोवर बांध को लेकर गुजरात की ‘हठ’ ने मध्य प्रदेश के 30 हज़ार परिवारों के लोगों की जान को संकट में डाल दिया है। गुजरात सरकार बांध को लबालब भरने पर आमादा है। मध्य प्रदेश के 70 से ज़्यादा गाँव जलमग्न हैं।
मालेगांव बम धमाकों की आरोपी और बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अल्टीमेटम के बावजूद पार्टी को ‘संकट’ में डालने वाले बयानों से बाज़ नहीं आ रही हैं।
चुनाव से पहले दोषियों को सज़ा दिलाने की बात कहने वाले कमलनाथ की सरकार क्या कर रही है? मध्य प्रदेश व्यापमं महाघोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को भी हाल ही में कोर्ट से ‘क्लीन चिट’ मिल गई है।
मध्य प्रदेश में बीजेपी विधायकों पर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा का ‘भय’ भी ‘बेअसर’ रहा है। पार्टी की बैठक में कई विधायक नहीं पहुँचे। कमलनाथ एंड कंपनी ने कहीं ‘सर्जिकल स्ट्राइक पार्ट टू’ के लिए ‘स्क्रिप्ट’ तो तैयार नहीं कर ली है?
शाहबानो की रूह उसी तरह से छटपटा रही होगी, जैसी कि जीवित रहते 1985 में सुप्रीम कोर्ट से केस जीत लेने के बाद संसद द्वारा कोर्ट का फ़ैसला पलट दिये जाने से उसके मन पर बीतती रही थी!
जिस तरह बीजेपी ‘फु़लफ़ॉर्म’ में है, उसमें यदि कमलनाथ ने बीजेपी के दो विधायकों को तोड़ लिया तो यह सामान्य बात नहीं है। कमलानाथ के इस ‘मास्टर स्ट्रोक’ के पीछे क्या रही रणनीति?
मध्य प्रदेश में बीजेपी पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कर दी। बीजेपी के दो विधायकों को तोड़कर लिया। बीजेपी के पाँच विधायक संपर्क में होने का दावा भी कांग्रेस खेमे ने किया है।
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘गुडबुक’ से लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष और इंदौर की आठ बार की सांसद सुमित्रा महाजन ‘ताई’ पूरी तरह से बाहर हो गई हैं? क्या वह गवर्नर पद की हक़दार थीं?
घोटाले के कारण चर्चा में रहे व्यापमं को कमलनाथ सरकार ‘बंद’ करने जा रही है। इसकी जगह राज्य कर्मचारी आयोग बनाने की तैयारी है। तो क्या व्यापमं बंद कर नये आयोग बनाने भर से भ्रष्टाचार ख़त्म हो जाएगा?