अघोषित बिजली कटौती को लेकर बिजली महकमे के कर्मचारियों को बार-बार चेताने के बावजूद बिजली की आँख मिचौली ना थमने से बेहद नाराज़ कमलनाथ सरकार अब एक्शन में आ गई है।
कांग्रेस द्वारा दिग्विजय सिंह को और बीजेपी की ओर से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को प्रत्याशी घोषित किये जाने से भोपाल की जंग और ज़्यादा दिलचस्प हो गई है।
कमलनाथ के नज़दीकियों के यहाँ आईटी छापे मारे जाने के बाद अब राज्य सरकार ने शिवराज सरकार में हुए ई-टेंडर घोटाले पर कार्रवाई शुरू कर दी है। यह मामला शिवराज सरकार के बहुचर्चित तीन हजार करोड़ के ई-टेंडर घोटाले से जुड़ा है।
नज़दीकियों के यहाँ छापेमारी से गुस्साए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समय हुए कथित ई-टेंडर घोटाले के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज़ कराने का मन बनाया है।
कमलनाथ के क़रीबियों के यहाँ की गई छापेमारी ने हाई प्रोफ़ाइल ड्रामे का रूप ले लिया और भोपाल में दो महीने पहले पश्चिम बंगाल में हुए टकराव जैसे हालात बन गए।
इनकम टैक्स ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी और सलाहकार के भोपाल, इंदौर और दिल्ली स्थित ठिकानों पर रविवार तड़के रेड मारी है। मुख्यमंत्री के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के ठिकानों से करोड़ों रुपये बरामद होने की सूचना है।
पन्द्रह सालों की सत्ता गँवाने के बाद मध्य प्रदेश बीजेपी अपने पुराने और बुरे दौर में खड़ी नज़र आ रही है। फ़िलहाल प्रदेश बीजेपी के हाल मध्यप्रदेश की सत्ता वापसी के पहले वाली कांग्रेस खेमे जैसे बने दिख रहे हैं।
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने पार्टी नेतृत्व से नाराज़ होकर इस बार चुनाव नहीं लड़ने का फ़ैसला किया है। इसके साथ ही उनके राजनीतिक जीवन का अंत माना जा रहा है।
लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जौशी जैसे वरिष्ठ नेताओं के बाद लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी पार्टी से नाराज़ हैं। उन्होंने एलान किया है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी।
मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते कमलनाथ के सामने कांग्रेस को चुनाव में जिताने की बड़ी ज़िम्मेदारी है। लेकिन उन्हें कई मुद्दों पर चुनौतियों का सामना करना है।
कांग्रेस ने भोपाल से दिग्विजय सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है। सिंह को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद बीजेपी इस बात को लेकर परेशान है कि कौन सा नेता दिग्विजय को टक्कर दे सकेगा।
मध्य प्रदेश में एक एडीजी के पिता की ‘मौत’ के ‘रहस्य’ ने समूचे प्रशासन और सरकार को ‘चक्कर’ में डाल रखा है। उनको 14 जनवरी को डॉक्टर मृत घोषित कर चुके हैं, लेकिन उनके परिवार का दावा है कि ‘वह जीवित हैं।’
पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा समेत सभी आठ आरोपियों को सीबीआई ने ‘क्लीन चिट’ दे दी है, इन्हें मध्य प्रदेश की एसटीएफ़़ ने परिवहन आरक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी बनाया था।
मध्य प्रदेश में डीएम और एसडीएम के बीच चुनाव के दौरान की एक कथित वॉट्स ऐप चैट के वायरल होने से बवाल मच गया है। डीएम और एसडीएम ने चैट को फ़र्ज़ी क़रार देते हुए शिकायत दर्ज़ कराई है।
कर्ज़ माफ़ी की घोषणा के बाद भी किसानों को संतुष्ट नहीं कर पा रही मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। टैक्स कम कर डीज़ल-पेट्रोल के दाम करने का ज़बरदस्त दबाव है।