राम जन्म भूमि परिसर में बुधवार को होने वाले प्रधानमंत्री मोदी के मंदिर निर्माण शुभारंभ कार्यक्रम में कोविड संक्रमण से बचने के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतज़ाम करने का दावा किया है।
राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में कोरोना संकट की वजह से 200 से ज़्यादा लोगों को आमंत्रित नहीं किया गया है। लेकिन इस बीच ज़िला प्रशासन ने कहा है कि उसने प्रसाद के 1 लाख पैकेट की व्यवस्था की है।
क्या इस बार राम की जन्मभूमि अयोध्या में रामनवमी का मेला नहीं लगेगा? क्या मेला तो लगेगा लेकिन उसमें बहुत ही कम लोग आएंगे और ज़्यादातर लोग अपने-अपने घरों में पूजा-हवन करेंगे?
सु्प्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद अयोध्या में मंदिर निर्माण से जुड़ी तैयारियाँ तेज़ हो गई हैं। पहले से ज़्यादा पैसा आने लगा है, पत्थर तराशने का काम एक बार फिर शुरू किया जा रहा है।
राम लला विराजमान के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की विश्व हिन्दू परिषद से कभी नहीं पटी। उनकी गवाही पर ही तत्कालीन विहिप प्रमुख अशोक सिंघल को गिरफ़्तार कर लिया गया था। अब नए मंदिर में उन्हें जगह मिलेगी?
सुप्रीम कोर्ट थोड़ी देर में बाबरी मसजिद-राम मंदिर विवाद पर फ़ैसला सुना देगा। इसके लिए अयोध्या में ख़ास तैयारियाँ की गई हैं, सुरक्षा बलों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
अयोध्या विवाद को लेकर एकाएक हलचल तेज़ हो गई है। अयोध्या में धारा 144 लागू की गई है। यह ऐसे समय में हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट में आख़िरी दौर की सुनवाई चल रही है।
राम मंदिर के मुद्दे पर शिवसेना के सुर लोकसभा चुनाव के बाद बदल गए हैं। संजय राउत ने अब कहा है कि यह काम मोदी, योगी के साथ हम मिल कर पूरा करेंगे। तो शिवसेना का रूख़ नरम अब क्यों पड़ा?
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गाँधी का 'रोड शो' अब धार्मिक नगरी अयोध्या में 27 मार्च को होगा। कांग्रेस रोड शो को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरी तैयारी में जुट गई है। प्रियंका हिंंदुत्व कार्ड पर बीजेपी के गढ़ में उसी पर वार करेंगी।
स्वरूपानंद को कांग्रेस ख़ेमे का संत माना जाता है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या कूच करने के उनके एलान के बाद सरगर्मी बढ़ गई है।