उत्तर प्रदेश में बीजेपी का ‘अंगद का पांव’ हिलने लगा है। क्या उसे प्रदेश में पार्टी के भीतर चल रहे राजनीतिक भूकंप से अपनी ज़मीन हिलने का अहसास हो गया है? क़रीब दस दिनों से यूपी बीजेपी में हंगामा क्यों मचा हुआ है?
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के सात साल पूरे हो गए। अटल बिहारी वाजपेयी के बाद वे दूसरे ग़ैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने लगातार सात साल अपनी सरकार के पूरे कर लिए हैं।
कैसे रहे मोदी सरकार के सात साल? क्या अबब लोगों का भरोसा मोदी से उठ रहा है? मोदी के लिए सबसे मुश्किल होगा ये सातवां साल? देखिये वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी के साथ
कोरोना पर काबू पाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच बातचीत किसी नतीजे पर पहुँचने के बजाय आपसी राजनीति और विवादों का हिस्सा बनती जा रही है। ऐसा क्यों है?
देश में नौ अप्रैल से चल रहे सुपर फॉस्ट क्रिकेट गेम आईपीएल में अभी तक किसी भी टीम के किसी भी गेंदबाज ने हैट-ट्रिक नहीं लगाई है, लेकिन पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने की हैट-ट्रिक लगा दी है।
पश्चिम बंगाल में क्या इस बार परिवर्तन के लिए वोट हो रहा है? चुनाव आयोग नेताओं पर कार्रवाई से क्यों डरता है? देखिए वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी और राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार की एक अर्थपूर्ण चर्चा। Satya Hindi
आरएसएस के तीन सबसे बड़े पदाधिकारियों की पिछले दिनों नागपुर मुख्यालय में हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई बताई कि असम और पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतने पर अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?
सालभर में ऑक्सीजन प्लांट भी क्यों नहीं लगा पाई सरकार? राजनीति अधिक ज़रूरी है या वोट देने वाले लोग? क्योंकि जिंदा रहे तो वो वोट भी देंगे सरकार! देखिए वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी की धारदार चर्चा। Satya Hindi
टीएमसी के लिए यह निर्णायक चरण है, और अगर बीजेपी को बढ़त मिली, तो संभावना है कि सरकार बन जाएगी। पिछले विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने 44 में से 32 सीटें हासिल कीं, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 19 सीटों पर बढ़त मिली।
पश्चिम बंगाल के चौथे चरण के मतदान में वे विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से कई जगहों पर 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बढ़त मिली थी। क्या ममता बनर्जी इस बढ़त को रोक पाएंगी? विजय त्रिवेदी को देंखें सत्य हिन्दी पर।
पश्चिम बंगाल के चौथे चरण के मतदान में वे विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से कई जगहों पर 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बढ़त मिली थी। क्या ममता बनर्जी इस बढ़त को रोक पाएंगी? विजय त्रिवेदी को देंखें सत्य हिन्दी पर।
क्या आरएसएस अब गोलवलकर का संघ नहीं रहा ? Republic of Hindutva किताब के लेखक बद्रीनाथ नारायण से जानिए RSS की सच्चाई। चर्चा में शामिल हैं वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी और आशुतोष। Satya Hindi
दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी जब अपना 41वां स्थापना दिवस मना रही है, उस वक्त उसका सपना कोलकाता की राइटर्स बिल्डिंग में अपने मुख्यमंत्री को देखने का है।
भारतीय चुनावों में अल्पसंख्यक हमेशा से ही निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं। इसलिए राजनीतिक पार्टियां खुद को उनका चहेता दिखाने की कोशिश करती रही हैं। लेकिन इस बार बंगाल में बीजेपी से लेकर ममता बनर्जी भी हिंदू दिखने पर अधिक जोर दे रही हैं। मंच से चंडी का पाठ किया जा रहा है। कोई मुसलमानों को लेकर बात नहीं कर रहा है। तो क्या मुसलमानों की किसी को ज़रूरत नहीं है? इसी मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी की बेहद रोचक चर्चा।
पश्चिम बंगाल में आज दूसरे चरण का मतदान हुआ है। इसमें सबसे हाई प्रोफाइल सीट नंदीग्राम पर सबकी नज़र टिकी हुई हैं। बीजेपी ने भी इसमें पूरी जान झोंक दी है। जिसके बाद एक ही सवाल उठता है कि क्या अपनी सीट बचा पाएँगी ममता बनर्जी? देखिए वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी के साथ।