‘महाभोज’ लिखने की प्रेरणा के मूल में आपातकाल के बाद सत्ता परिवर्तन के दौर में 1977 में बिहार के बेलछी गाँव का वह सामूहिक दलित हत्याकांड था, जिसने इंदिरा गांधी की वापसी और राजनीतिक पुनर्जीवन का द्वार खोला था।
साहित्यकार वीरेंद्र यादव के इस पोस्ट पर विवाद हो गया है कि कौन सा आधुनिकता बोध आज प्रासंगिक है प्रेमचंद का या निर्मल वर्मा का? आख़िर निर्मल वर्मा पर उस पोस्ट से कुछ लोगों की भावनाएँ आहत क्यों हो गईं।