हजारों की संख्या में कई राज्यों से किसान रामलीला मैदान पहुंचे हैं ताकि वे सरकार के सामने अपनी माँगों को रख सकें। कई संगठनों ने किसानों की माँगों का समर्थन किया है।
हज़ारों की संख्या में कई राज्यों से किसान रामलीला मैदान पहुँचे हैं ताकि वे सरकार के सामने अपनी माँगों को रख सकें। कई संगठनों ने किसानों की माँगों का समर्थन किया है।
किसानों ने अपनी माँगों से संबंधित चिट्ठी एक चिट्ठी राष्ट्रपति को भेजी है जिसमें उन्होंने सवाल किया है कि उनकी दुर्दशा पर संसद का संयुक्त सत्र क्यों नहीं होता।
अपनी माँगों को लेकर किसान एक बार फिर दिल्ली पहुँच गए हैं। दिल्ली में वे रामलीला मैदान में सभा करेंगे। इस बार किसान ज़्यादा संगठित होकर अपने सवाल उठा रहे हैं।
सिंचाई विभाग में नौकरी करने वाला यह इंजीनियर दूसरोें से हट कर था। गंगा की दुर्गति से वह इस तरह द्रवित हो उठा कि उसने अपनी जिंदगी इस मोक्षदायिनी नदी को सौंप दी।
गंगा की रक्षा के लिए चार महीने से अनशन पर बैठे पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. जी. डी. अगरवाल ने मोदी को छह चिट्ठियाँ लिखीं मगर उनकी तरफ़ से एक का भी जवाब नहीं आया।