बीजेपी में उत्तर प्रदेश के कई बड़े नेताओं की राय ऐसी क्यों है कि अब अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफ़े के मसले पर जितनी देर की जाएगी, उतना ही ज़्यादा नुक़सान हो सकता है। इसके अलावा मिश्रा के समर्थन में कोई बड़ा नेता क्यों नहीं आया?
आम आदमी पार्टी क्या गांधीनगर नगर निगम चुनाव में बीजेपी को फ़ायदा पहुँचाने के लिए खड़ी हुई थी? अगले साल जिन पाँच राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें से 4 जगह से आप चुनाव लड़ रही है तो क्या विपक्ष को नुक़सान पहुँचाएगी?
प्रधानमंत्री मोदी जब अमेरिकी यात्रा से लौटे तो उनका ऐसा स्वागत किया गया जैसे किसी ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई हो! लेकिन क्या ऐसा है? आख़िर उनकी इस यात्रा का क्या नतीजा निकला?
राजनयिक से राजनेता बने एस. जयशंकर के नेतृत्व में भारतीय विदेश नीति का इतना बुरा हाल है कि न तो किसी पड़ोसी देश से इसके अच्छे रिश्ते हैं न ही पाँच बड़े देश इसे पूछते हैं। ऐसे में विदेश मंत्री कब तक पद पर बने रहेंगे?
उत्तर प्रदेश में अगले कुछ महीनों बाद चुनाव होने हैं, लेकिन काफ़ी पहले से ही राजनीतिक दल ब्राह्मणों को रिझाने की कोशिश में जुट गए हैं। चाहे वह मायावती हों या अखिलेश यादव। बीएसपी के बाद बीजेपी भी प्रबुद्ध सम्मेलन के लिए जुटी हुई है।
काबुल हवाई अड्डे पर हुए धमाकों से यह संकेत मिलता है कि इसलामिक स्टेट अब वहां पहले से अधिक मजबूती से उभर कर आ सकती है और तालिबान के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर हिंसा फैला सकती है। पढ़ें, प्रमोद मल्लिक का यह लेख।
एक सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में 42 फ़ीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है वहीं योगी आदित्यनाथ और अमित शाह की लोकप्रियता में वृद्धि हुई है।
अमेरिका उसी मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर को अफ़ग़ानिस्तान का राष्ट्रपति बनाएगा जिसके नेतृत्व में तालिबान ने 20 साल तक अमेरिकी व नेटो सैनिकों के ख़िलाफ़ युद्ध लड़ा है।
ताज़िक, उज़बेक, हज़ारा क़बीले के लोग एकजुट होकर नॉदर्न अलायंस जैसा संगठन बनाने की कोशिश में हैं, जो अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान को ज़बरदस्त चुनौती दे सके।
अफ़गानिस्तान में 20 साल तक अमेरिकी सैनिक जमे रहे, तालिबान ने अपने आपको इस दौरान कैसे बचाया, उन्होंने किस तरह अफ़ग़ा सेनान को शिकस्त देकर अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा कर लिया, ये सवाल अहम हैं।
तालिबान ने काबुल पर क़ब्ज़ा किया नहीं कि चीन ने तुरन्त उसकी ओर दोस्ती और सहयोग का हाथ बढ़ा दिया। क्या वह अफ़ग़ानिस्तान के ज़रिए कज़ाख़स्तान, उज़बेकिस्तान, ताज़िकस्तान होते हुए यूरोप तक पहुँचना चाहता है?
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सबका विकास, सबका प्रयास' का नारा उछाल कर एक नई बहस की शुरुआत कर दी है। क्या यह महज नारा साबित होगा या वाकई कुछ होगा।
तालिबान ने जिस तरह काबुल पर क़ब्ज़ा करते ही महिलाओं को घर जाने को कह दिया और उनके पोस्टर हटा दिए, लोगों को पुराने दिनों की याद ताज़ा हो गई है। फिर यह नया तालिबान क्या है?