loader

वंदे भारत मिशन: कुवैत से लौटे 18 लोग संक्रमित, इंदौर-भोपाल में चिंता बढ़ी

वंदे भारत मिशन के तहत कुवैत से लौटे 18 भारतीयों की कोविड-19 संक्रमण से जुड़ी जाँच रिपोर्ट पाॅजिटिव आने से इंदौर और भोपाल में सनसनी मच गई है। इंदौर विमानतल पर कुवैत से लौटे यात्रियों की ‘अगवानी’ और जाँच-पड़ताल करने वाले अमले में शामिल रहे कर्मचारी सबसे ज़्यादा चिंतित हैं। भोपाल के सेना अस्पताल भर्ती होने के कारण वहाँ के कर्मिचारियों के माथों पर भी चिंता के बल हैं।

240 भारतीयों को लेकर 13 मई को दो हवाई जहाज़ कुवैत से इंदौर पहुँचे थे। कोरोना प्रोटोकाॅल के तहत सभी यात्रियों को सूक्ष्म जाँच-पड़ताल से गुजरना पड़ा था। पड़ताल के बाद सभी यात्रियों को चार्टर्ड बसों से भोपाल भेज दिया गया था। भोपाल में सेना के अस्पताल में सभी यात्रियों को तीन हफ़्ते के लिए क्वॉरंटीन किया गया है।

ताज़ा ख़बरें

सेना के हॉस्पिटल में क्वॉरंटीन किये गये इन यात्रियों में कुछ की तबियत बिगड़ गई थी। कोरोना जैसे लक्षण नज़र आने पर सभी के नमूने लिये गये। शनिवार को 18 संदिग्धों की रिपोर्ट पाॅजिटिव आयी। अभी 37 और लोगों के जाँच के नमूनों की रिपोर्ट भी आना बाक़ी है।

पहली खेप में 18 संदिग्धों की कोरोना रिपोर्ट पाॅजिटिव आते ही सभी को ‘कोविड-19’ स्पेशल अस्पताल में दाखिल करवा दिया गया। सरकारी अस्पताल हमीदिया में अधिकांश रोगियों को उपचार के लिए भर्ती कराया गया है, जबकि कुछ मरीज़ कोरोना के लिए निर्धारित प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराये गये हैं। सभी का उपचार चल रहा है।

मध्य प्रदेश से और ख़बरें

पाॅजिटिव रिपोर्ट आने के बाद इंदौर विमानतल को सैनेटाइज़ करने का काम हुआ है। सीआईएसएफ़ के एक उस अधिकारी को फ़िलहाल आइसोलेट कर दिया गया है जो कुवैत से लौटे भारतीयों की जाँच-पड़ताल में सबसे आगे रहे थे। इंदौर एयरपोर्ट के अन्य उन कर्मचारियों, सीआईएसएफ़ के अधिकारियों व जवानों, कस्टम और इमिग्रेशन विभाग के स्टाफ़ में दहशत का माहौल है, जिनकी ड्यूटी कुवैत से लौटे जत्थों की पड़ताल में लगाई गई थी। इंदौर विमानतल पर ड्यूटी करने वाले समस्त अमले की ज़रूरी जाँचें नहीं की गई हैं और यह भी चिंता की वजह है।

उधर इंदौर एयरपोर्ट के डायरेक्टर का कहना है कि एयरपोर्ट का स्टाफ़ कुवैत से आए पैसेंजर से दूर था, लेकिन सीआईएसएफ़ के एक अधिकारी पास से उनकी जाँच कर रहे थे, इसलिए सिर्फ़ उनको आइसोलेट किया गया है।

कुवैत से लौटने के बाद भोपाल के ईएमई सेंटर स्थित हॉस्पिटल में क्वॉरंटीन के लिए रखे गये भारतीयों की तीमारदारी में जुटे कर्मचारी भी ख़ासे चिंतित बताए जा रहे हैं। हालाँकि सेना के सूत्र दावा कर रहे हैं कि उनकी देखभाल में जुटे रहे कर्मचारियों ने सभी ज़रूरी एहतियात बरती हैं। प्रोटोकाॅल का पालन किया गया है इसलिए किसी को भी संक्रमण होने का ख़तरा महसूस नहीं किया जा रहा है। ज़रूरी प्रतीत होने पर प्रोटोकाॅल और जाँच-पड़ताल संबंधी ज़रूरी उपाय अवश्य किये जाएँगे।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
संजीव श्रीवास्तव

अपनी राय बतायें

मध्य प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें