सिलावट के बाद बुधवार को ही राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल और उनके ड्राइवर की भी कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आई और अब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद वीडी शर्मा भी कोरोना से संक्रमित हो गए हैं।
चिंताजनक बात यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद भी काबीना के अधिकांश सहयोगी मंत्री, बीजेपी संगठन के नेता-कार्यकर्ता और अफ़सरान क्वारेंटीन नहीं हुए हैं। अनेक मंत्रीगण और अफ़सर बैठकें ले रहे हैं।
शिवराज पाए गए थे पॉजिटिव
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बीते शनिवार को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। मुख्यमंत्री ने कोरोना होने के बाद सभी सहयोगी मंत्रियों और उन लोगों को क्वारेंटीन होने का मशविरा दिया था जो उनके बेहद आसपास रहे थे। दरअसल, शिवराज को कोरोना होने के ठीक पहले कैबिनेट की बैठक हुई थी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सभी सहयोगी मंत्रियों से वन-टू-वन चर्चाएं भी कीं थीं।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी ज्यादातर मंत्री क्वारेंटीन नहीं हुए हैं। रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के ठीक पहले तक मुख्यमंत्री से मिलते रहे बीजेपी संगठन के पदाधिकारीगणों और कार्यकर्ताओं ने भी स्वयं को क्वारेंटीन नहीं किया है। मुख्यमंत्री के आसपास रहने वाले अधिकांश अफ़सर भी कामकाज कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमण को लेकर प्रोटोकाॅल है कि यदि किसी मिलने वाले को कोरोना होता है तो मुलाकाती को बिना देर किये क्वारेंटीन हो जाना चाहिए और अपनी जांच करानी चाहिए। मंत्री, नेता-कार्यकर्ता और अधिकारियों ने जांचें तो कराई हैं, लेकिन क्वारेंटीन नियम का पालन बहुत ही कम लोगों ने किया है।
शिवराज सरकार में कृषि मंत्री कमल पटेल सीएम को कोरोना होने के बाद क्वारेंटीन में गये हैं। इसकी सूचना उन्होंने स्वयं दी। वे अपने गृह नगर हरदा में अपने घर में आइसोलेट हैं। पटेल के अलावा किसी भी मंत्री-नेता, अफसर और कार्यकर्ता के क्वारेंटीन में जाने की सूचनाएं अब तक नहीं आयी हैं।
कोरोना पाॅजिटिव पाए गए तुलसी सिलावट तो मंगलवार रात तक कार्यक्रमों में भाग ले रहे थे। बैठकें ले रहे थे। इंदौर में उनकी अच्छी सक्रियता रहती है। इंदौर के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ वे निरंतर बैठकें कर रहे थे।
सिलावट के कोरोना पाॅजिटिव मिलने के बाद उनसे मिलने वालों और आसपास रहने वालों की नींद उड़ गई है।
बीजेपी के संगठन महामंत्री संक्रमित
मध्य प्रदेश बीजेपी के संगठन महामंत्री सुहास भगत और एक अन्य पदाधिकारी को भी कोरोना निकला है। एक विधायक कोरोना पाॅजिटिव मिले हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय के उप सचिव की कोरोना जांच की रिपोर्ट पाॅजिटिव आयी है। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री से मिलने वाले कई नेता और अधिकारी कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं।
मंत्री भदौरिया भी मिले थे पॉजिटिव
सीएम से पहले सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया को कोरोना निकला था। भदौरिया के साथ सीएम ने कई बैठकें की थीं। मप्र के गवर्नर रहे लालजी टंडन के अंतिम संस्कार में सीएम और भदौरिया साथ ही में एक ही जहाज में यूपी गये और आये थे। काबीना की बैठक में भदौरिया शामिल रहे थे। भदौरिया की भी सीएम से वन-टू-वन चर्चा हुई थी।
मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ डाॅक्टर ने ऑफ़ द रिकार्ड बातचीत में ‘सत्य हिन्दी’ से कहा- केवल जनता पर प्रेशर डालने से कुछ नहीं होगा, जिम्मेदार लोगों को भी कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन करना होगा।
यहां बता दें, कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए सरकार ने भोपाल में दस दिनों का टोटल लाॅकडाउन किया हुआ है। प्रदेश में कई जिले और शहर ऐसे हैं, जहां प्रशासन ने सुविधानुसार सख्ती और पाबंदियां लगा रखी हैं।
ऐसे कैसे टूटेगी कोरोना की चेन?
यही वजह है कि डाॅक्टर कह रहे हैं, ‘यदि जिम्मेदार ही नहीं चेतेंगे, कोरोना से जुड़े प्रोटोकाॅल का पालन नहीं करेंगे तो कोरोना की चेन ब्रेक नहीं हो सकेगी।’ डाॅक्टर ने कहा, ‘मंत्री भदौरिया और सीएम साहब के कोरोना पाॅजिटिव पाए जाने के बाद सहयोगी मंत्रियों, पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं और अफ़सरों को एहतियात बरतना चाहिये था। ऐसा नहीं हुआ और अब उन सभी लोगों में एक के बाद एक कोरोना मिल रहा है जो आपस में मिलते रहे। हालात चिंता बढ़ाने वाले हैं।’
दिग्विजय सिंह ने कसा था तंज
पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह को कोरोना होने के बाद तंज कसा था। दिग्विजय सिंह ने कहा था, ‘प्रदर्शन करने पर मेरे खिलाफ तो भोपाल पुलिस ने कोरोना फैलाने का मामला दर्ज कर लिया था, क्या सीएम के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज करेगी?’
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का इशारा इसी ओर था कि सहयोगी मंत्री के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद सीएम ने एहतियात क्यों नहीं बरता? वे क्यों आइसोलेट नहीं हुए? नियमों के अनुसार, क्वारेंटीन में क्यों नहीं गए? क्यों लोगों से मिलते-जुलते रहे? क्यों बैठकें करते रहे?
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