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हमले में घायल पुलिसकर्मी।

मध्य प्रदेश में फिर से कोरोना योद्धाओं पर हमला, नहीं रुक रही घटनाएं

मध्य प्रदेश में एक बार फिर कोरोना योद्धाओं पर हमले की दुःखद घटना सामने आयी है। कोरोना संदिग्ध युवक और उसके परिजनों ने पुलिस कर्मियों और डाॅक्टर से मारपीट की। मामले में पुलिस ने एक ही परिवार के चार लोगों को गिरफ्तार किया है। 

जानकारी के अनुसार, घटना बुधवार दोपहर श्योपुर जिले की विजयपुर तहसील के गसवानी थाना क्षेत्र में हुई। गसवानी पंचायत के सचिव ने प्रशासन को सूचना दी थी कि बाहर नौकरी करने वाला एक युवक गोपाल शिवहरे गांव लौटा है। 

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पंचायत सचिव की सूचना पर जांच दल पुलिस बल को लेकर गांव पहुंचा था। बताया गया है कि जांच दल ने गोपाल को अस्पताल चलने को कहा तो वह भड़क गया। मनुहार करने पर भी वह तैयार नहीं हुआ तो पुलिस ने सख्ती दिखाई। इस पर गोपाल और उसके परिजनों ने मिलकर दल पर हमला बोल दिया। 

गोपाल ने जांच दल में शामिल एक सहायक उप निरीक्षक श्रीधाम अवस्थी पर पत्थर से हमला कर दिया। इससे एसएसआई का सिर फट गया और खून बहने लगा। गोपाल इसके बाद भी काबू में नहीं आया। उसने परिजनों के साथ मिलकर जांच दल के अन्य सदस्यों व पुलिस वालों से भी जमकर मारपीट की। जिससे दल के लोगों को चोटें आयीं। 

घटना के बीच और पुलिस बल को मौक़े पर बुलाया गया। हमला बोलने वाले युवक और उसके परिजनों को अपने साथ ले जाने के लिए पुलिस बल को खासा संघर्ष करना पड़ा। बात यहीं खत्म नहीं हुई, गोपाल को लेकर पुलिस जब अस्पताल पहुंची तो गोपाल ने अस्पताल में भी जमकर बवाल किया।

विजयपुर के सरकारी अस्पताल के डाॅक्टरों और अन्य लोगों ने उसे काफी समझाया, लेकिन वह नहीं माना। उत्पात के बीच गोपाल ने लट्ठ से डाॅक्टर पवन उपाध्याय की पिटाई कर दी। इसके बाद हंगामा बढ़ गया और पुलिस बल ने सभी को पकड़ लिया। घटनाक्रम में मुख्य अभियुक्त और कोरोना संदिग्ध गोपाल शिवहरे के साथ उसके पिता गंगाराम शिवहरे और अन्य परिजन आशीष तथा राधे शिवहरे के ख़िलाफ़ भी मुक़दमा कायम कर लिया गया है। 

मध्य प्रदेश में कोरोना के योद्धाओं पर हमले की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब तक इस तरह की एक दर्जन के करीब घटनाएं सूबे में दर्ज हो चुकी हैं। हमला करने वालों पर पुलिस ने रासुका के तहत कार्रवाई की है।

7 साल की सजा का भी डर नहीं !

शिवराज सरकार ने कोरोना योद्धाओं पर हमले की वारदातों पर अंकुश के मद्देनजर हमलावरों को जमानत न देने और आरोप सिद्ध होने पर 7 साल की सजा के प्रावधान का अध्यादेश लागू किया है। सरकार के इस क़दम के बाद भी इस तरह की घटनाओं के न रुकने से कोरोना से जंग में जुटे अमले और सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने भी अध्यादेश लाकर स्पष्ट कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों को अधिकतम 7 साल की सजा हो सकती है। 

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1500 से ज़्यादा लोग संक्रमित 

मध्य प्रदेश में बुधवार शाम तक कोरोना पाॅजिटिव मरीजों का आंकड़ा 1587 हो चुका था और मरने वालों की संख्या 80 हो गई थी। सबसे ज्यादा 52 मौतें इंदौर में हुई हैं और सबसे ज्यादा कोरोना के मामले भी यहीं सामने आए हैं। कोरोना से मध्य प्रदेश के कुल 27 जिले प्रभावित हो चुके हैं।

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संजीव श्रीवास्तव

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