पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया क्या ग्वालियर-चंबल संभाग में बीजेपी की नैया पार लगा पायेंगे? यह सवाल इस संभाग में 22 से 24 अगस्त तक हुए सिंधिया और बीजेपी के ‘मेगा शो’ के बाद मध्य प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा में है।
राज्यसभा के सदस्य सिंधिया ने सोमवार देर शाम एक ट्वीट करते हुए ग्वालियर-चंबल संभाग में 76 हजार 361 पुराने कांग्रेसियों को बीजेपी में शामिल करने का दावा किया है। यहां बता दें कि बीजेपी में शामिल होने के बाद सिंधिया, शनिवार को पहली बार किसी बड़े जलसे के लिए ग्वालियर पहुंचे थे।
सिंधिया के आग्रह पर मध्य प्रदेश बीजेपी ने ग्वालियर-चंबल संभाग में सदस्यता अभियान चलाया था। खालिस रूप से सिंधिया के इस ‘मेगा-शो’ में सिंधिया समर्थक कांग्रेसियों के साथ ही अन्य कांग्रेसजनों को भी बीजेपी की सदस्यता दिलाने का दावा किया गया।
ग्वालियर में 22 अगस्त को बीजेपी के सदस्यता अभियान के आयोजन का आगाज हुआ था। इसके बाद सिंधिया ग्वालियर-चंबल संभाग की उन सभी 16 सीटों पर गये थे, जहां उपचुनाव होना है। ये सीटें (मुरैना जिले की जौरा सीट को छोड़कर) सिंधिया समर्थक विधायकों के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा देने के बाद रिक्त हुई हैं।
ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस की राजनीति ‘महल’ से शुरू होेकर ‘महल’ पर ही खत्म हो जाया करती थी। एक पूरा दौर रहा जब जब ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस की पूरी राजनीति माधव राव सिंधिया के आसपास सिमटी रही।
माधव राव सिंधिया के देहावसान के बाद कांग्रेस इस क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया की ‘प्राइवेट लिमिटेड’ की तरह चली।
सिंधिया को बताया दगाबाज़ और गद्दार
यह पहला मौका होगा जब सिंधिया और महल की छाया से मुक्त होकर कांग्रेस आने वाले उपचुनाव में अपने दम पर चुनावी रण में जाने वाली है। कांग्रेसी दावा कर रहे हैं कि सिंधिया के जाने से पार्टी को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। सिंधिया को दगाबाज़ और गद्दार बताकर आने वाले उपचुनाव में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की जनता द्वारा सिंधिया के सपनों पर पानी फिरने का दावा भी कांग्रेस अब ठोक रही है।
ख़राब होगी कांग्रेस की हालत?
हालांकि कांग्रेस में एक धड़ा यह भी मान रहा है कि सिंधिया के बिना कांग्रेस ग्वालियर-चंबल संभाग में कुछ भी नहीं कर पायेगी। मुंह के बल औंधे गिर जाने की बात भी कई कांग्रेसी कर रहे हैं। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे डाॅक्टर गोविंद सिंह ने तो ऑन रिकार्ड माना है कि सिंधिया का बीजेपी में चले जाना ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ायेगा।
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सिंधिया की ही बदौलत ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस ने बीजेपी को जबरदस्त पटखनी दी थी। क्षेत्र की 16 सीटों के लिए उपचुनाव होना है। मुरैना जिले की जौरा सीट को छोड़कर 15 सीटें वे हैं जहां से सिंधिया के एक इशारे पर कांग्रेस के विधायकों ने इस्तीफ़ा दे दिया था। कुछ ने मंत्री पद को ठुकरा दिया था। बाद में सिंधिया की ही पहल पर ये सभी विधायक बीजेपी की गोद में जा बैठे।
सिंधिया का दावा फर्जी: कांग्रेस
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने सिंधिया के 76 हज़ार से ज़्यादा काग्रेसियों वाले दावे को फर्जी करार दिया है। उन्होंने कहा है कोई भी सूची और नाम बनाकर संख्या को किसी भी अंक तक पहुंचाया जा सकता है। गुप्ता कहते हैं, ‘सिंधिया ने भोपाल में बीजेपी कार्यालय में जिन लोगों को पहले सदस्यता दिलाई थी, उन्हीं लोगों को ग्वालियर-चंबल संभाग में चले बीजेपी के सदस्यता अभियान में पुनः सदस्यता दिला दी गई।’
मप्र कांग्रेस के मीडिया प्रकोष्ठ के मुखिया के.के. मिश्रा भी दावा करते हुए कहते हैं, ‘सिंधिया और उनके समर्थकों के फर्जीवाड़े से कांग्रेस परेशान नहीं, बल्कि प्रसन्न है।' वे आगे कहते हैं, ‘सिंधिया और बीजेपी 76 हजार कांग्रेसियों के दलबदल का झूठा आंकड़ा देकर खुश होते रहें, उनकी ये खुशियां उपचुनाव के नतीजे दूर कर देंगे।’
कांग्रेस नेता मिश्रा ने कहा, ‘ग्वालियर में सिंधिया वापस जाओ के नारे, हमारे दावे की हक़ीक़त अभी से बयां कर रहे हैं। उपचुनाव के बाद सिंधिया कहीं के नहीं रहेंगे।’
ग्वालियर-चंबल में इन सीटों पर होगा चुनाव
ग्वालियर-चंबल संभाग में जिन 16 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें - ग्वालियर जिले की ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व और डबरा, मुरैना जिले में सुमावली, मुरैना, दिमनी और अम्बाह, भिंड में मेहगांव और गोहद, दतिया जिले में भांडेर, शिवपुरी जिले में करैरा और पोहरी, गुना में बमोरी और अशोक नगर जिले में अशोक नगर, चंदेरी और मुंगावली सीटें शामिल हैं।
ग्वालियर और चंबल संभाग के अलावा रायसेन जिले की सांची, सागर जिले की सुरखी, इंदौर जिले की सांवेर, धार जिले की बदनावर, टीकमगढ़ जिले की मलेहरा, अनूपपुर जिले की अनूपपुर, मंदसौर जिले की सुवासरा, देवास जिले की हाटपिपल्या, खंडवा जिले की मांधता और नेपानगर, शाजापुर जिले की आगर सीट पर भी उपचुनाव होना है।
ग्वालियर-चंबल में बीजेपी नेता नाराज़!
ग्वालियर-चंबल संभाग में 22 से 24 अगस्त के बीच जिस तरह से सिंधिया का मेगा शो हुआ, उससे बीजेपी के कई बड़े नेता खफा बताए जा रहे हैं। कथित तौर पर खफा नेताओं में अहम नाम नरोत्तम मिश्रा का भी नाम शामिल बताया जा रहा है। सिंधिया से कभी भी पटरी ना बैठा पाने वाले तेजतर्रार और खरा-खरा बोलने वाले जयभान सिंह पवैया ग्वालियर के आयोजन में मंच पर थे। सोमवार को उनका एक ऐसा ट्वीट आया, जिसने बीजेपी के कान खड़े कर दिये।
पवैया ने ट्वीट में कहा, ‘सांप की दो जीभ होती हैं और आदमी की एक, सौभाग्य से हम तो मनुष्य हैं न। राजनीति में वक्त के साथ दोस्त और दुश्मन तो बदल सकते हैं, मगर जो सैद्धांतिक मुद्दे मेरे लिए कल थे वे आज भी हैं। जय श्री राम...।’ पवैया की सिंधिया से पुरानी नाराजगी और पुरानी दुश्मनी को ना भुला पाने का संकेत यह ट्वीट माना जा रहा है।
बीजेपी के स्तंभ रहे दिवंगत नेता अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा भी नाखुश बताये जा रहे हैं। सिंधिया के आने और उन्हें पार्टी में ज्यादा तवज्जो मिलने से ग्वालियर संभाग में राजनीतिक दुकान पूरी तरह से बंद हो जाने का भय खुद मिश्रा और उनके समर्थकों को सता रहा है।
ग्वालियर की राजनीति में दखल रखने वाले राज्यसभा के पूर्व सदस्य और मप्र बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष प्रभात झा के माथे पर भी चिंता की लकीरें गहरी हो रही हैं।
शिवराज रुके रहे, शर्मा लौट आये
बीजेपी के ग्वालियर-चंबल संभाग के तीन दिवसीय सदस्यता अभियान को लेकर दो बातें खासी चर्चाओं में रही। एक- बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का रविवार रात को अचानक ग्वालियर से भोपाल की उड़ान भर लेना और दूसरा- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का रविवार रात को वापसी के बजाय अपने दौरे को सोमवार रात तक के लिए आगे बढ़ा लेना।
बताते हैं कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पूरे तीन दिन सदस्यता अभियान से जुड़े कार्यक्रम में शामिल रहने वाले थे, लेकिन उनके दौरा बीच में ही छोड़कर भोपाल वापस आने से चर्चाओं का बाज़ार गर्म है।
मध्य प्रदेश बीजेपी ने ग्वालियर-चंबल संभाग के तीन दिवसीय सदस्यता अभियान में 10 हजार के लगभग कांग्रेसियों द्वारा बीजेपी ज्वाइन करने की पूर्व घोषणा की थी। सिंधिया समर्थकों ने यह संख्या 35 हजार के ऊपर पहुंचने की संभावनाएं जताईं थीं। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के दावे के अनुसार कुल 76 हजार 361 कांग्रेसियों ने बीजेपी की सदस्यता ली।
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