मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िले में पुलिस का बेहद बर्बर और शर्मनाक चेहरा सामने आया है। नशे की लत के शिकार एक युवक की पुलिस वालों ने तब तक डंडे और लात-जूतों से पिटाई की जब तक कि वह बेहोश नहीं हो गया। बेहोश होने के बाद युवक को जानवरों की तरह घसीट कर पुलिस वाहन में डालकर ले जाया गया। मामला सामने आने के बाद दो पुलिस वालों को सस्पेंड करते हुए विभागीय जाँच बैठाई गई है। लेकिन कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और सोशल मीडिया पर लोग पुलिस कर्मियों को गिरफ़्तार करने की माँग कर रहे हैं।
मामला छिंदवाड़ा ज़िले की सौंसर तहसील के पिपला थाना क्षेत्र का है। छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य में कांग्रेस के अध्यक्ष कमल नाथ की कर्मस्थली है। दरअसल, पिपला क्षेत्र के निवासी नानू (25 वर्ष) से जुड़ा एक वीडियो शनिवार को वायरल हुआ है। वायरल वीडियो में दो पुलिस वाले नानू की जमकर पिटाई कर रहे हैं। एक पुलिस वाला उसे डंडों से मार रहा है, जबकि दूसरा उकसा रहा है।
Unwatchable! I am not given to violence, but seeing how brutally these cops are thrashing this man, these police officers must not merely be dismissed & be jailed immediately, they also need the same treatment. https://t.co/o9yqB6NQT7
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) May 23, 2020
डंडों के अलावा लात और जूतों से भी नानू की पिटाई की जा रही है। वायरल वीडियो में पिटाई के चलते नानू बेदम हो रहा है। बेदम होने के बाद दोनों पुलिस वाले उसे बेदर्दी से खींचते हुए पुलिस की गाड़ी में पटक रहे हैं। वायरल हुए इस वीडियो को देखने वाले पुलिस की बर्बरता पर दांतों तले ऊंगलियाँ दबा रहे हैं। जानवरों के माफ़िक नानू की पिटाई से ख़ुद पुलिस के आला अफ़सर भी हैरान हैं।
छिंदवाड़ा के एसपी विवेक अग्रवाल ने ‘सत्य हिन्दी’ को बताया कि घटनाक्रम 10-12 दिन पुराना है। पिटाई का वीडियो शनिवार को वायरल हुआ है। वीडियो वायरल होते ही उन्होंने एक्शन लिया है। पिपला थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक कृष्णा डोंगरे और आरक्षक आशीष को निलंबित करते हुए विभागीय जाँच का आदेश दिया गया है।
दिग्विजय ने की बर्खास्तगी की माँग
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने नानू के वायरल हुए वीडियो को फ़ेसबुक पर पोस्ट करते हुए अनेक सवाल उठाये हैं। प्रदेश पुलिस की बर्बरता को उन्होंने शर्मनाक क़रार दिया है। सिंह ने माँग की है कि दोनों दोषी पुलिस वालों को नौकरी से बर्खास्त किया जाये।
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