पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के 22 अगस्त से ग्वालियर-चंबल संभाग में आरंभ हो रहे ‘मेगा शो’ ने प्रदेश के करीब एक दर्जन कलेक्टरों की नींद उड़ाकर रख दी है। कलेक्टरों के अलावा संबंधित जिलों का स्वास्थ्य अमला भी खासा चिंतित है क्योंकि राज्य में कोरोना का कहर चरम पर है। सिंधिया के अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेहद करीबी इंदौर के बीजेपी विधायक रमेश मैंदोला भी गणेश पंडाल के लिए ‘जिद’ पर अड़े हैं।
बता दें, राज्यसभा सदस्य सिंधिया और उनकी नई राजनीतिक ‘ठौर’ बीजेपी द्वारा ग्वालियर-चंबल संभाग में सदस्यता अभियान शुरू किया जा रहा है। सदस्यता अभियान में केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा समेत प्रदेश के कई बड़े नेता शामिल होने जा रहे हैं।
बीजेपी ने दावा किया है तीन दिनों में 10 हजार से ज्यादा कांग्रेसियों को पार्टी में शामिल किया जायेगा। सिंधिया समर्थक यह संख्या 25 हजार तक पहुंचने का दावा कर रहे हैं।
50 हज़ार से ज़्यादा संक्रमित
सिंधिया और बीजेपी के ‘मेगा शो’ के कारण (जिन-जिन जिलों में सदस्यता अभियान का आयोजन होना है) कलेक्टरों और स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ गई है क्योंकि राज्य में कोरोना तेजी से फैल रहा है। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे द्वारा शुक्रवार शाम को जारी किए गए कोरोना से जुड़े अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राज्य में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या 50 हजार पार कर गई थी।
मध्य प्रदेश में शुक्रवार को 1,146 नये रोगी मिले थे जबकि मरने वालों का आंकड़ा 14 रहा था। इंदौर के बाद सबसे ज्यादा 121 रोगी ग्वालियर में मिले थे। ग्वालियर में अब तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 3,840 हो चुकी है। ग्वालियर संभाग के अन्य जिलों के अलावा चंबल संभाग में भी कोरोना रोगियों के मिलने का सिलसिला जारी है।
सोशल डिस्टेंसिंग का मखौल
बीजेपी ज्वाइन करने और राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद सिंधिया किसी बड़े जलसे के लिए पहली बार ग्वालियर-चंबल संभाग के दौरे पर पहुंचेंगे। पिछले सप्ताह जब वे उज्जैन पहुंचे थे तो पाबंदियों के बावजूद समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा था और सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। सोशल डिस्टेंसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ी थीं।
ग्वालियर-चंबल संभाग के तमाम जिलों से जुड़ा स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का अमला इस बात को लेकर फिक्रमंद है कि जहां भी सिंधिया पहुंच रहे हैं, वहां कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन कैसे करायें? बीजेपी कार्यकर्ताओं के उत्साह से कैसे निपटें?
सदस्यता अभियान में केन्द्रीय मंत्री तोमर और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सिंधिया के साथ रहने वाले हैं। उनकी अपनी लोकप्रियता है। तीनों नेताओं के साथ रहने पर उमड़ने वाले कार्यकर्ताओं की संभावित बड़ी संख्या ने भी स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे को बेचैन किया हुआ है।
गणेश पंडाल, भंडारे पर अड़े
उधर, इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय के करीबियों में शुमार बीजेपी विधायक रमेश मैंदोला और उनकी मित्रमंडली स्थानीय प्रशासन एवं स्वास्थ्य अमले की चिंता का सबब बनी हुई है। आज से गणेश पर्व आरंभ हो रहा है। मैंदोला और उनकी मित्रमंडली ने तमाम पाबंदियों के बाद भी गणेश पंडाल सजा लिए हैं। मैंदोला एंड कंपनी की पंडाल के बाहर हर दिन भंडारे के आयोजन की भी तैयारी है। शुक्रवार शाम तक उनके मान-मनोव्वल और आयोजन को सीमित कराने की कोशिशें चलीं, लेकिन प्रशासन को कामयाबी नहीं मिल सकी।
मैंदोला के आयोजन को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां भी बनी रहीं। कांग्रेस खेमे ने मांग की कि जिम्मेदार विधायक द्वारा कोरोना गाइड लाइन की अनदेखी को लेकर मुकदमा कायम होना चाहिए। विधायक और उनके समर्थकों ने आश्वासन दिया है कि वे तमाम गाइड लाइन को फाॅलो करेंगे। शनिवार दोपहर को आयोजन होने के बाद ही हकीकत सामने आ पायेगी।
इंदौर में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 11 हजार को छूने वाला है। भोपाल में कोरोना संक्रमितों की संख्या 9 हजार के करीब है। राज्य में कोरोना की वजह से अब तक 1185 मौतें हो चुकी हैं।
छठे मंत्री कोरोना पाॅजिटिव
इधर, शिवराज काबीना के वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव भी कोरोना पाॅजिटिव हो गये हैं। शुक्रवार शाम को इस बात की जानकारी स्वयं भार्गव ने एक ट्वीट के जरिये दी। उन्होंने स्वयं के संपर्क में आये लोगों से आइसोलेट होने और ज़रूरी जांच कराये जाने की अपील भी की।
भार्गव से पहले शिवराज काबीना के सदस्य अरविंद भदौरिया, तुलसी सिलावट, रामखेलावन पटेल, विश्वास सारंग और मोहन यादव भी कोरोना पाॅजिटिव हो चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी कोरोना हो चुका है। कुछ मंत्री स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि कुछ का उपचार अभी चल रहा है। मंत्रियों के अलावा दर्जन भर विधायकों को भी कोरोना हुआ है और काफी संख्या में अफ़सर भी इससे संक्रमित हो चुके हैं।
बीजेपी नेता लापरवाह: कांग्रेस
प्रतिपक्ष कांग्रेस का आरोप है कि सत्तारूढ़ दल के आला लोगों और प्रशासनिक अमले में कोरोना फैलने की मुख्य वजह मंत्रियों और बीजेपी नेताओं की लापरवाही है। कांग्रेस अपने आरोपों को लेकर दलील देती है कि मंत्री और बीजेपी नेतागण सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं करते। मास्क नहीं लगाते।
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मध्य प्रदेश कांग्रेस ने गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा को मास्क पहनवाने में सफल होने वाले के लिए पुरस्कार घोषित किया था। कांग्रेस के इनाम घोषित करने के बाद एक-दो दिन मिश्रा ने मास्क लगाया और फिर बिना मास्क नजर आने लगे।
भूपेन्द्र गुप्ता, प्रवक्ता, मध्य प्रदेश कांग्रेस
मध्य प्रदेश कांग्रेस के आरोप हवाई नहीं हैं। पिछले सप्ताह सिंधिया जब उज्जैन के दौरे पर पहुंचे थे तो उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव बिना मास्क के उनके कई कार्यक्रमों में नजर आये थे। उनका मास्क मुंह को कवर करने के बजाय गले में लटका नजर आया था। अगले दिन यादव कोरोना संक्रमित पाये गये थे।
शिवराज सरकार में मंत्री बनाये जाने से पहले बीजेपी विधायक ओम प्रकाश सखलेचा बीजेपी की बैठकों में शामिल होते रहे थे। सीएम, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री समेत अनेक विधायक साथियों के साथ वे दिखते रहे थे। बैठकों और मेल-मुलाकात के सिलसिले के बीच उन्हें कोरोना हो गया था। सखलेचा से मेल-मुलाकात करते रहे कई बीजेपी नेता कोरोना पाॅजिटिव मिले थे।
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