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मप्र में कल शाम 5 बजे कराया जाये फ़्लोर टेस्ट: सुप्रीम कोर्ट 

मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुना दिया है। कोर्ट ने कहा है कि शुक्रवार शाम को 5 बजे फ़्लोर टेस्ट कराया जाये। अब मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपनी सरकार को बचाने के लिये विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफ़ा देने के बाद पैदा हुआ सियासी संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। 

इससे पहले बुधवार को बीजेपी और कांग्रेस के अधिवक्ताओं के बीच सुप्रीम कोर्ट में जोरदार बहस हुई थी। कांग्रेस ने दलील दी थी कि उसके विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है। दूसरी ओर, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने उन्हें कांग्रेस के बाग़ी विधायकों से मिलने की अनुमति देने की मांग की थी। लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को रद्द कर दिया था। 

कमलनाथ सरकार का हारना तय!

बाग़ी विधायकों के तेवर देखने और उनके द्वारा वीडियो जारी करने के बाद ऐसा लग रहा है कि वे संभवत: फ्लोर टेस्ट में शामिल नहीं होंगे। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में दो सीटें खाली हैं। ऐसे में 228 सदस्यों वाली विधानसभा में 22 विधायकों के इस्तीफ़े के बाद सदस्य संख्या 206 बचती है। कुल 206 सीटों की सदस्य संख्या के हिसाब से बहुमत के लिये कुल 104 विधायकों की आवश्यकता पड़ेगी। लेकिन कांग्रेस के पास अब 92 विधायक हैं। यदि चार निर्दलीय, बसपा के दो और सपा का एक विधायक कमलनाथ सरकार का सदन में साथ देते हैं तो भी कुल 99 विधायक ही हो सकेंगे। बहुमत साबित करने के लिए पाँच और विधायकों की ज़रूरत कमलनाथ सरकार को पड़ेगी। उधर, बीजेपी के पास 106 विधायक हैं। ऐसे में बहुमत परीक्षण होने पर कमलनाथ सरकार का सदन में हारना सुनिश्चित लग रहा है।
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क़मर वहीद नक़वी

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