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कोरोना: मध्य प्रदेश में शव को छूने-चूमने और नहलाने पर प्रतिबंध

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से मौत होने पर मृतक के शव को छूने-चूमने और नहलाने को प्रतिबंधित कर दिया गया है। शिवराज सरकार ने कोविड-19 से मारे जाने वालों के शवों को जलाने और दफनाने को लेकर एक पूरी गाइडलाइन जारी कर दी है। गाइडलाइन का पालन अनिवार्य किया गया है।

गाइडलाइन के अनुसार कोविड-19 से मारे गए लोगों के शव के अंतिम संस्कार से पहले अनेक धर्मावलंबियों और समाजों में अदा की जाने वाली ज़रूरी रस्म एवं परंपरा को प्रतिबंधित कर दिया गया है। हालाँकि ऐसी मान्य धार्मिक परंपराएँ जिनमें शव को छूने की ज़रूरत नहीं होती, वो सब करने की छूट रहेगी। परिवार वाले पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन कर सकेंगे। शवदाह के बाद राख और मृतक के फूलों (अस्थियों) का संचय तमाम सावधानियों तथा कोरोना पाॅजिटिव से जुड़े ज़रूरी प्रोटोकाॅल के तहत किया जा सकेगा।

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गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि नोवेल कोरोना वायरस एक नवीन विषाणु है। मृत पेशेंट के संपर्क में आने वाले पैरामैडिकल स्टाफ़, मुर्दाघर, एंबुलेंस संचालन, श्मशान-कब्रिस्तान के कर्मचारियों को ज़रूरी निर्देशों का पालन करना होगा। उन्हें ऐप्रन, दस्ताने, मास्क, चश्मा आदि व्यक्तिगत सुरक्षा सामग्री का इस्तेमाल करना होगा। पेशेंट के लिए इस्तेमाल किए गए इलाज के सामान को नष्ट और डिसइन्फेक्ट यानी विषाणु मुक्त करना होगा।

अंतिम संस्कार में न्यूनतम लोग हों

राज्य सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार न केवल कोरोना से मारे गये रोगी बल्कि सामान्य मौतों के बाद किए जाने वाले अंतिम संस्कार के दौरान मुक्तिधामों और कब्रिस्तानों में कम से कम लोगों के शामिल होने को कहा गया है। यहाँ बता दें कि मध्य प्रदेश में इंदौर ऐसा शहर है जहाँ ज़िला प्रशासन ने कोविड-19 से मारे गये रोगियों के अंतिम संस्कार में अधिकतम पाँच लोगों के ही शामिल होने का सख़्त आदेश जारी किया हुआ है।

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मुक्तिधामों और कब्रिस्तान पहुँचने वालों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सैनेटाइज़ करने जैसे ज़रूरी उपायों को करने के निर्देश हैं। सरकार ने नई गाइडलाइन में मुक्तिधामों और कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार में अहम भूमिका निभाने वालों को भी तमाम एहतियात बरतने के आदेश दिए हैं। यह भी कहा गया है कि पार्थिव देह के अंतिम संस्कार और दफनाने के बाद हाथों की अच्छे से सफ़ाई की जाए। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए।

कई मामलों से लिया है सबक़

पिछले दिनों राजधानी भोपाल में एक कोरोना संदिग्ध बुजुर्ग रोगी की मौत हो गई थी। उनकी अंत्येष्टि में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। तीन दिन बाद मृतक बुजुर्ग की जाँच रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटिव आयी तो अंतिम यात्रा में शामिल लोगों के बीच हड़कंप मच गया। भोपाल में ही नहीं, इंदौर और प्रदेश के कुछ अन्य जगहों पर भी इस तरह के मामले सामने आए हैं। अंतिम संस्कार के बाद पता चला है कि संबंधित कोविड-19 से ग्रस्त था। तमाम घटनाओं से सबक़ लेते हुए मध्य प्रदेश की सरकार ने यह गाइडलाइन जारी की है।

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संजीव श्रीवास्तव

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