loader

तबलीगी जमात: निज़ामुद्दीन के बाद भोपाल की मसजिदों में भी जमातों की खोजबीन

दिल्ली के निज़ामुद्दीन में तबलीगी जमात के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल लोगों की कोरोना से मौतों के बाद मचे हड़कंप के बीच भोपाल में भी प्रशासन हरकत में आया है। मंगलवार दोपहर को राजधानी भोपाल की अनेक मसजिदों में पुलिस और प्रशासन ने विदेशी जमातों की खोजबीन की।

दिल्ली में तबलीगी जमात के धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हुए कई लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। काफ़ी संख्या में लोग कोरोना के संदिग्ध पाए गए हैं। बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को क्वरेन्टाइन किया गया है। दिल्ली से दूसरे राज्यों में पहुँचे कुछ लोगों की मौत की ख़बरें भी सामने आयी हैं। इसके बाद से सरकार हरकत में है। पड़ताल की जा रही है कि जमात के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए लोग किन-किन सूबों में गये? किस तरह की चेन बनी?

दिल्ली के मद्देनज़र भोपाल प्रशासन भी हरकत में है। मंगलवार को पुराने शहर की एक दर्जन से ज़्यादा प्रमुख मसजिदों में पुलिस और स्वास्थ्य महकमे का साझा अमला पहुँचा। मसजिदों में ठहरे लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी तमाम पड़ताल की गई। पुलिस और प्रशासन इस खोजबीन में भी जुटा रहा कि कितनी विदेशी जमातें इन मसजिदों में ठहरी हुई हैं? ठहरी हुई हैं तो कब से हैं? इनके विदेश और भारत से जुड़े दौरों की हिस्ट्री क्या है?

ताज़ा ख़बरें

ज़िला प्रशासन के एक अधिकारी ने मसजिदों में तमाम पड़ताल किए जाने की ‘सत्य हिन्दी’ से पुष्टि की। उन्होंने कहा, ‘तमाम आँकड़े वे देर शाम तक मीडिया को मुहैया करवा पायेंगे।’ अधिकारी ने यह भी कहा, ‘एहतियात बरतते हुए प्रशासन पूरी पड़ताल करवा रहा है।’

भोपाल में लगता है इज्तिमा

भोपाल एशिया के सबसे बड़े इज्तिमा के आयोजन के लिए ख्यात है। हर साल यहाँ इज्तिमा का आयोजन होता है। दुनिया भर की जमातें भोपाल आती हैं। ईंटखेड़ी इलाक़े में दुनिया के बड़े आयोजनों में से एक इस इज्तिमे में अनेक मुल्कों के लाखों मुसलिम जुटते हैं। 

मध्य प्रदेश से और ख़बरें
बता दें, इज्तिमे के सिलसिले में दुनिया के हर कोने से जमातें पूरे साल भोपाल आती और जाती रहती हैं। एशिया की बड़ी मसजिदों में से एक ताजुल मसजिद भी भोपाल में है। इस मसजिद में भी निरंतर और नियमित आयोजन होते हैं। आयोजनों में दुनिया के हर कोने से मुसलिम धर्मावलंबी आते हैं। धर्मसभाएँ होती हैं। लेक्चर होते हैं।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
संजीव श्रीवास्तव

अपनी राय बतायें

मध्य प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें