loader

झूठे आरोप लगे तो सच्चों पर भी यकीन करना होगा मुश्किल

#MeToo में आरोप लगने के कारण क्या कोई आत्महत्या करने जैसा कदम भी उठा सकता है। अगर ऐसा है तो यह बहुत ख़तरनाक है। #MeToo से जुड़े एक मामले में बांबे हाई कोर्ट ने भी कहा है कि यह सिर्फ़ पीड़ित लोगों के लिए है। इसका यह मतलब नहीं है कि कोई कुछ भी लिखे। कोर्ट ने कहा है कि इस बारे में गाइडलाइन ज़रूर बननी चाहिए ताकि इसका दुरुपयोग न हो। वरना सच बोलने वालों पर भी यक़ीन करना मुश्किल हो जाएगा।
अब समझते हैं कि मामला क्या है। सेलेब्रिटी मैनेजमेंट एजेंसी क्वान के सह-संस्थापक अनिर्बान ब्लाह ने शुक्रवार सुबह 1 बजे मुंबई में वाशी के ब्रिज से कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की। अनिर्बान पर चार महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। यह तो अच्छा हुआ कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें ऐन वक्त पर ऐसा करने से रोक लिया, वरना कोई दुर्घटना भी हो सकती थी। आत्महत्या करने से पहले उन्होंने एक पत्र भी लिखा था, जिसके मिलने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

तनाव में थे अनिर्बान

यौन शोषण के आरोप लगने के बाद अनिर्बान को क्वान से हटा दिया गया था। पुलिस को दिए बयान में अनिर्बान ने बताया कि आरोप लगने के बाद से ही वह तनाव में थे, इसलिए उन्होंने आत्महत्या करने जैसा कदम उठाया। नोट में अनिर्बान ने अपना पक्ष रखते हुए खुद की जिंदगी ख़त्म करने के बारे में लिखा और अपने जीवन से जुड़े कुछ राज़ खोले हैं। साथ ही मौत होने की स्थिति में उनके शव की पहचान कैसे की जाए इस बारे में भी उन्होंने जिक्र किया था।

चिट्ठी मे अनिर्बान ने लिखा, 'अपने कदम पर बिना कोई सफाई दिए मैं बस यह कहना चाहता हूं कि मैंने एक अच्छा इंसान बनने की कोशिश की। मेरे साथ जो बचपन में हुआ उससे ठीक तरीके से निपटने की ताकत मुझमें नहीं थी। मैं कभी सेक्स को ताकत से जुदा नहीं कर सका, न ही उसे प्यार का हिस्सा बना पाया और इस दौरान ही मेरा एक हिस्सा गंदे इंसान में तब्दील हो गया।'
There shoud be no misuse of #MeToo - Satya Hindi
अनिर्बान ने लिखा, 'शायद मैं बाइपोलर हूं, क्योंकि मुझे पता है कि मेरे पास अपने परिवार और दोस्तों को देने के लिए कितना प्यार है। मैंने अच्छा दोस्त, अच्छा सहकर्मी और अच्छा इंसान बनने की कोशिश की लेकिन मेरे अंदर का गंदा इंसान बार-बार बाहर आता रहा और मैं उसे दबाने की कोशिश करता रहा पर उसे मार नहीं सका।’
अनिर्बान ने लिखा है, ‘मैं शायद ज्यादा अच्छा शख्स नहीं था और इसके लिए सिर्फ़ मैं ही जिम्मेदार हूं। मैंने जिस किसी इंसान को दु:ख पहुंचाया है, उससे मैं माफी मांगता हूं। मेरी बॉडी वाशी क्षेत्र में कहीं मिलेगी। मेरी पहचान के लिए मेरे पास लाइसेंस रहेगा। मैंने ब्लू जींस और टी-शर्ट पहनी है।'

मीटू का न हो दुरुपयोग

जब फ़िल्म से लेकर मीडिया जगत में #MeToo को लेकर कई महिलाएं सामने आ रही हैं तो इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि इसका ग़लत इस्तेमाल न हो। ऐसी बहादुर महिलाओं का समर्थन किया जाना चाहिए जिन्होंने शोषण के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई है। लेकिन ऐसा भी नहीं होना चाहिए कि किसी के भी ख़िलाफ़ झूठे आरोप लगा दिए जाएं।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

#MeToo से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें