एक छोटा सा सवाल पूछना चाहता हूँ । क्या यूपी और बिहार के लोग घासफूस है ? कभी महाराष्ट्र में उनकी पिटाई होती है । कभी गुजरात में । उनकी ग़लती क्या है ? उनके साथ ये व्यवहार क्यों होता है ? क्यों कोई भी उनको चपत लगा देता है ? हाल का वाक़या गुजरात का है । सांबरकांठा में एक हादसा हुआ । एक बच्ची से बलात्कार हुआ । जिसने किया उसे पकड़ो । क़ानूनन सज़ा दो । अगर फाँसी मिलती है तो फाँसी दो । पर ये क्या मतलब है कि उसके अपराध के लिये यूपी बिहार के लोगों को पीटा जा रहा है ? कहा जा रहा हैं कि काट डालेंगे, अगर यहाँ रहे तो । लोग डर कर अपने घर भाग रहे हैं ।
ये सारे ग़रीब लोग है । रोज कमाते, रोज़ खाते है । रोजगार गया । नौकरी गई । बरसो से जहाँ काम कर रहे थे वो जगह उजड़ गई । क्यों भाई क्यों ? यूपी और बिहार दोनों जगह के मुख्यमंत्रियों के मुँह पर दही जमा है क्या कि मुंह से आवाज नहीं निकल रही है ? गुजरात की पुलिस कह रही है कि त्योहार का मौसम है । इस समय ये लोग वापस घर जाते हैं । इतना बडा झूठ ?
नीतीश कुमार और योगी आदित्यनाथ कुछ नहीं बोल रहे हैं । क्या इन लोगों के हक में खड़े होने की ज़िम्मेदारी इनकी नही है ? क्या इन्हें कड़ाई से गुजरात सरकार से बात नहीं करनी चाहिए?
राज ठाकरने बनने चला है अल्पेश ठाकुर?
और ये नया हीरो जो गुजरात में खड़ा हो रहा क्या इसे नहीं फटकार लगनी चाहिये जिसका नाम अल्पेश ठाकुर है ? क्यों कांग्रेस इस आदमी का बचाव कर रही है ? ये अल्पेश ठाकुर गुजरात का राज ठाकरे बनने चला है ?हिंदुस्तान का संविधान इस देश के हर नागरिक को देश में कहीं भी रहने और रोज़गार करने की इजाज़त देता है । और अगर इसमें कोई भी आदमी या संस्था बाधा डलती है तो वो संविधान का उल्लंघन कर रहा है । और जो सरकार ऐसे लोगों या संस्थानों को नहीं रोक पा रही है वो संविधान के हिसाब से नहीं चल पा रही है । ऐसी सरकारों का संवैधानिक इलाज होना चाहिये।
मोदी क्या कर रहे हैं?
मोदी जी क्या कर रहे हैं ? यूपी वालों का वोट लेना था तो बनारस से चुनाव लड़ लिया । अब बनारस पटना के लोग उनके गुजरात में पिट रहे हैं तो मुँह बंद है । क्या इस बार वोट नहीं लेना है ?
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