अफ़ग़ानिस्तान में इसलामिक स्टेट खुरासान के 25 आतंकवादियों की तलाश तालिबान प्रशासन कर रहा है औेर भारतीय सुरक्षा एजेन्सियां भी उन्हें तलाश रही हैं। क्या है मामला और कौन हैं ये लोग?
एक दिलचस्प घटनाक्रम में रूस और चीन ने उस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव से दूरी बना ली, जिसमें अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण मान लिया गया है। क्या है मामला?
क़तर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को तालिबान के प्रतिनिधि शेर मुहम्मद अब्बास स्तेनकज़ई से मुलाक़ात की और कहा कि अफ़ग़ानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ नहीं होना चाहिए।
अमेरिका के 68 सांसदों ने राष्ट्रपति जो बाइडन से पूछा है कि वे बताएं कि उनके पास इस बात की क्या योजना है तालिबान पाकिस्तान को अस्थिर कर उससे परमाणु हथियार न हासिल कर ले।
काबुल हवाई अड्डे पर हुए धमाकों से यह संकेत मिलता है कि इसलामिक स्टेट अब वहां पहले से अधिक मजबूती से उभर कर आ सकती है और तालिबान के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर हिंसा फैला सकती है। पढ़ें, प्रमोद मल्लिक का यह लेख।
काबुल हवाई अड्डे के बाहर गुरुवार शाम दो जबरदस्त बम धमाके हुए, उसके बाद गोलियाँ चलीं, जिनमें अब तक 170 लोगों की मौत हो चुकी है। आईएसआईएस ने इस विस्फोट की ज़िम्मेदारी ली है।
तालिबान ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान को बैठ कर बातचीत के जरिए आपसी विवाद सुलझा लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को विवादित इलाके के प्रति सकारात्मक रवैया रखना चाहिए।
तालिबान ने तीन मंत्री नियुक्त किए हैं, जिनमें दो दागी हैं। रक्षा मंत्री उस व्यक्ति को बनाया गया है जो आतंकवादियों के लिए बदनाम ग्वांतोनामो जेल में बंद थे।
पत्रकार का नाम ज़ियार ख़ान याद है। उन्होंने बताया कि वह काबुल के नए शहर में रिपोर्टिंग कर रहे थे, उसी दौरान यह वाकया हुआ। उनका कैमरा, तकनीकी सामान और मोबाइल को तालिबानियों ने लूट लिया।