हिन्दुस्तान में तालिबान के समर्थन या विरोध की बहस बड़ा सियासी मुद्दा बन चुकी है। देशभक्ति और गद्दार की परिभाषाएं इस बहस के दौरान टेलीविजन चैनलों पर गढ़ी जा रही हैं।
काबुल में रहने वाली परिसा फदायी ने काबुल से 'सत्य हिंदी' से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि तालिबानियों ने काबुल में लोगों को घरों में ही रहने के आदेश जारी किए हैं।
पंजशिर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद तालिबान को चुनौती देने को तैयार हैं, उन्होंने दूसरे लोगों के साथ मिल कर 'सेकंड रेजिस्टेन्स' नामक मोर्चा बनाया है।
अफ़ग़ानिस्तान में लोगों ने राष्ट्रीय अफ़ग़ान झंडे के साथ प्रदर्शन किया है और तालिबान के झंडे को फाड़ दिया है। तालिबान लड़ाकों ने गोलियाँ चलाई हैं। कई लोग मारे गए हैं।
पाकिस्तानी सेना, सरकार और ख़ुफ़िया एजेन्सी आईएसआई ने जिस हक्क़ानी नेटवर्क को 20 साल से पाला पोसा है, उसके लोग ही अफ़ग़ानिस्तान में सरकार बनाने जा रहे हैं। मतलब साफ है।
अफ़गानिस्तान में 20 साल तक अमेरिकी सैनिक जमे रहे, तालिबान ने अपने आपको इस दौरान कैसे बचाया, उन्होंने किस तरह अफ़ग़ा सेनान को शिकस्त देकर अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा कर लिया, ये सवाल अहम हैं।
एफ़आईईओ के महानिदेशक डॉ. अजय सहाय ने कहा है कि तालिबान ने पाकिस्तान के रास्तों से आने वाले माल की आवाजाही पर रोक लगा दी है और इस वजह से वहां से होने वाला आयात बंद हो गया है।