भारत में एक परसेंट अमीरोें के पास देश की कुल कमाई का बाईस परसेंट हिस्सा है, जबकि दस परसेंट लोगों के पास सत्तावन परसेंट। जबकि नीचे की आधी आबादी को मिलता है बस तेरह परसेंट। गैर बराबरी के पैमाने पर अंग्रेजीू राज के हाल में पहुंच गया है भारत। आखिर क्या है इसकी वजह, और क्या हो सकता है इसका असर?
उप मु्ख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मथुरा का कार्ड क्यों चला? मुद्दा चला भी नहीं और भाजपा की एकता पर सवाल भी उठ गए। आखिर बीजेपी में चल क्या रहा है? पार्टी और सरकार के कार्यक्रमों में क्यों नहीं दिखे उप मुख्यमंत्री? और फिर क्या हुआ कि उन्हें भी बुलावा पहुंचा? चुनाव जीतने की तैयारी पर भारी है नेताओं की अपनी अपनी दावेदारी?
संसद सत्र के पहले दिन बारह सांसदों का निलंबन क्या कहता है? किसान कानून आते वक्त भी सांसद निलंबित हुए और उनकी वापसी के वक्त भी। आखिर मोदी सरकार चाहती क्या है? सड़क से लेकर संसद तक विरोध की आवाजों को बंद करने की कोशिश क्या कामयाब होगी? आलोक जोशी के साथ विनोद अग्निहोत्री, राजेश बादल, सतीश के सिंह और हिमांशु बाजपेई
प्रयागराज में चार दलितों की हत्या। बच्ची के साथ बलात्कार। मगर राजनीति बेखबर क्यों है? प्रियंका गांधी तो वहां पहुंचीं लेकिन अखिलेश यादव कहां हैं? मायावती ने कहा दलित सपा जैसों से सावधान रहें। लेकिन क्या कर रहे हैं अखिलेश यादव? कहां है सपा की बाबा साहब वाहिनी? उत्तर प्रदेश की राजनीति में कहां खो गया है दलितों का सवाल?
न्यूज नेशन, ज़ी न्यूज और टाइम्स नाउ को फटकार। NBDSA ने विवादित वीडियो हटाने का आदेश दिया। कहा जो एंकर निष्पक्ष नहीं रह सकते उन पर कार्रवाई की जाए। एंकरों को ट्रेनिंग देने का भी निर्देश। क्या बाज आ जाएगा नफरती मीडिया? आलोक जोशी के साथ कमर वहीद नकवी, सतीश के सिंह, अतुल चौरसिया और हिमांशु बाजपेई
मोदी जी ने कृषि कानून वापस लेने का एलान किया। विपक्ष अब भी इसपर सवाल उठा रहा है। किसान कह रहे हैं कानून वापस होंगे तब आंदोलन वापसी पर सोचेंगे। और सबसे ज्यादा परेशानी तो मोदी समर्थक खेमे में है। जो लोग साल भर से ज्यादा समय से आंदोलन की बुराई और कानूनों की तारीफ कर रहे थे वो अब प्रधानमंत्री पर ही सवाल उठा रहे हैं। आखिर क्या होगा आगे?
प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों में भीड़ जुटाने का काम करेगा सरकारी अमला। बीजेपी के नेता और एमएलए कहां गए? सबसे बड़ी पार्टी का सबसे बड़ा संगठन काम नहीं कर रहा है क्या? या टिकट कटने के डर में नाराज़ हैं पार्टी के एमएलए?
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन या लाम पर जाने की तैयारी? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इससे पहले के मुख्यमंत्रियों के लिए विकास अपने घर तक ही सीमित था। यूपी में अब छेत्रवाद नहीं। लेकिन प्रधानमंत्री के उद्घाटन से पहले ही समाजवादी कार्यकर्ताओं ने साइकिल चलाकर उद्घाटन कर डाला। आखिर किसका है ये एक्सप्रेसवे और क्यों है इतनी राजनीति?
दिल्ली की हवा में कितना जहर? इस जहर का जिम्मेदार कौन? हवा खराब होगी तो कौन बचेगा? अब भी पर्यावरण की न सोची तो कब सोचेंगे? आप, बीजेपी और कॉंग्रेस से आगे बढ़कर सोचने का वक्त? कोर्ट नहीं कहेगा तब तक सरकारें सुनेंगी नहीं? ग्लासगो सम्मेलन से क्या सबक हैं हमारे लिए? आलोक जोशी के साथ शिवकांत शर्मा, हृदयेश जोशी और पर्यावरण एक्टिविस्ट सुनील सूद।किस्सागो हिमांशु बाजपेई तो रहेंगे ही
नफ़रती और झूठे बयानों वाली कंगना रनौत पर कार्रवाई कब? कंगना के बयान पर कार्यक्रम में तालियां बजाने वाले कौन? ऐसे बयानों के कारण ही कंगना रनौत को मिलते हैं सरकार से सम्मान? Alok Adda में आज की चर्चा इन्हीं सवालों को लेकर। Satya Hindi।
बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल को महंगा पड़ा सहानुभूति का प्रदर्शन। शराब कांड के पीड़ित परिवारों को बंट रहे बंद लिफाफे खुलने पर निकले पांच पांच हज़ार। जनता ने घेरा तो उलटे पांव भागना पड़ा। आलोक जोशी के साथ रवि रंजन, समी अहमद और अनिल सिन्हा।
उपचुनाव के नतीजों में बीजेपी के लिए सबसे बुरी खबर हिमाचल से आई है। और राज्य के मुख्यमंत्री का बयान तो और भी चौंकानेवाला है। जयराम ठाकुर ने कहा कि बीजेपी महंगाई की वजह से चुनाव हारी। इसका मतलब क्या है? क्या मुख्यमंत्री हार का ठीकरा केंद्र पर फोड़ना चाहते हैं?
उपचुनावों के नतीजे तो मिले जुले हैं। हिमाचल में भाजपा साफ तो असम में भाजपा की जीत। लेकिन कुल मिलाकर यह नतीजे मोदी सरकार के लिए चिंता का कारण हैं ? आलोक जोशी के साथ अशोक वानखेड़े, सतीश के सिंह, प्रभाकर मणि तिवारी और आशुतोष।
पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस से लेकर खाने का तेल और दाल सबके दाम आसमान पर। जनता महंगाई से बेहाल है फिर सरकार क्यों नहीं जागती? आलोक जोशी के साथ प्रो संतोष मेहरोत्रा, वीरेंद्र नाथ भट्ट, सतीश के सिंह, अंबरीश कुमार और हिमांशु बाजपेई।
उत्तर प्रदेश में बाहुबली नहीं दिखते? लड़कियां सुरक्षित हो गई हैं? मोदी को जिताना है तो योगी को जिताना होगा। आखिर यूपी को क्या संदेश दे गए हैं अमित शाह? आलोक जोशी के साथ शरत प्रधान, बृजेश शुक्ला, अंबरीश कुमार और हिमांशु बाजपेई