डॉ. आंबेडकर दलितों को हिंदू धर्म की गुलामी पर आधारित वर्ण व्यवस्था से बाहर निकालना चाहते थे। बौद्ध धर्म में प्रगतिशील विचारों की मौजूदगी के कारण ही उन्होंने इसे अपनाया।
कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से जारी देशव्यापी लॉकडाउन के बीच गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन सुन कर कई तरह के ख़याल आए।