बंगाल में जहाँ बीजेपी ने CAA को पहली कैबिनेट मीटिंग में ही लागू करने का वादा किया है तो वहीं, असम में इसको घोषणा पत्र से बाहर रखा है। इसको लेकर राजनीतिक विश्लेषक सवाल उठा रहे हैं. देखिए नीलू व्यास की रिपोर्ट-
जिस नागरिकता संशोधन क़ानून (सिटीजन्स अमेडमेंट एक्ट यानी सीएए) को बीजेपी ने तमाम विरोधों के बीच संसद से पारित करवाया और देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बावजूद उससे टस से मस होने से इनकार कर दिया, असम के चुनाव घोषणापत्र में उसका ज़िक्र तक नहीं है।