महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तो अब यह भी कह दिया है कि शिवसेना से हमारे मतभेद हो सकते हैं लेकिन शिवसेना हमारी दुश्मन बिल्कुल भी नहीं है। इससे महाराष्ट्र की राजनीति में अटकलों का बाज़ार तेज़ हो गया है।
क्या बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के बाद भी पार्टी के शीर्ष नेताओं में अभी भी कोई कसक या गाँठ रह गयी है? एक दिन पहले ‘सामना’ में छपे संपादकीय को पढ़कर तो ऐसा ही लगता है।
महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी-शिवसेना गठजोड़ को हराने के लिए कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस आघाडी यानी गठबंधन की नज़र प्रकाश आम्बेडकर-असदउद्दीन ओवैसी की वंचित आघाडी पर है।