राज्य सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को बताया है कि गोरखपुर अस्पताल के निलंबित बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान के ख़िलाफ़ पिछले साल दिया गया फिर से विभागीय जाँच का आदेश वापस ले लिया गया है।
डॉक्टर कफ़ील ख़ान ‘हीरो’ थे और आख़िर में भी ‘हीरो’ ही साबित हुए। सरकार ने उन्हें विलेन बनाया था और अब सरकार की ही रिपोर्ट में बेदाग़ बताए गए। इस घटना का विलेन कौन है?
गोरखपुर में 63 मौतों के मामले में डॉक्टर कफ़ील ख़ान को अब सरकार ने ही क्लीनचिट दी है। यह वही सरकार है जिसने उन्हें विलेन बना दिया था। केस दर्ज किया था, सस्पेंड किया था और गिरफ़्तार कराया था। हीरो का काम कर रहे डॉक्टर को विलेन बना दिया था। कौन है ज़िम्मेदार? देखिए आशुतोष की बात में पूरी रिपोर्ट।
गोरखपुर में दिमाग़ी बुखार से पीड़ित बच्चों का दिन-रात जाग कर इलाज करने वाले डॉ. कफ़ील ख़ान को योगी सरकार ने तमाम आरोपों से क्लीनचिट दे दी है। उन्हें बच्चों की जान बचाने वाला 'मसीहा' कहा गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार की ही रिपोर्ट ने गोरखपुर के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर कफ़ील ख़ान को उन मुख्य आरोपों से मुक्त कर दिया है जिसमें 60 बच्चों की मौत के बाद सरकार ने उन्हें जेल भेज दिया था।