कोलकाता में फर्जी टीकाकरण केंद्र आयोजित करने और ख़ुद को फ़ेक आईएएस बताने के आरोप में गिरफ़्तार किए गए देबंजन देब की अब तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं के साथ की तसवीरें वायरल हुई हैं।
अभिनेत्री से टीएमसी सांसद बनीं मिमी चक्रवर्ती कथित तौर पर एक फ़ेक टीकाकरण केंद्र के झांसे में आ गईं। इस केंद्र पर सैकड़ों लोगों को टीके लगा दिए गए। मिमी चक्रवर्ती ने संदेह होने पर शिकायत दर्ज कराई तो व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया।
अब से पहले जहाँ हर रोज़ क़रीब 30 लाख वैक्सीन की खुराक लगती रही थी वहीं सोमवार को यानी वैक्सीन की नई नीति लागू होने के पहले दिन रिकॉर्ड 80 लाख से ज़्यादा खुराक लगाई गई।
देश में टीकाकरण नीति पर सुप्रीम कोर्ट तक से आलोचनाओं का सामना कर चुकी मोदी सरकार को अब विशेषज्ञों ने बेहद अहम एक रिपोर्ट दी है। इसमें कहा गया है कि अनियोजित टीकाकरण से कोरोना के म्यूटेंट यानी इसके कोरोना के स्ट्रेन को बढ़ावा मिल सकता है।
देश में वैक्सीन की कमी के बीच सुप्रीम कोर्ट से लेकर आम लोगों द्वारा वैक्सीन नीति पर आलोचनाओं पर केंद्र सरकार ने सफ़ाई दी है। इसने असमानता की ओर इशारा करने वाली मीडिया रिपोर्टों को 'ग़लत और अटकल लगाने वाली' क़रार दिया।
सरकार ने कोरोना की वैश्विक महामारी से निपटने के सिलसिले में हर फ़ैसला अपने राजनीतिक नफा-नुक़सान को ध्यान में रखकर और अपनी छवि चमकाने के मक़सद से किया है। इससे कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान भी बुरी तरह लड़खड़ा गया है।
भारत की वैक्सीन नीति को लेकर कहा जा रहा है कि इसने दुनिया के कई देशों के सामने एक संकट खड़ा कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि देश से वैक्सीन के निर्यात पर पाबंदी से उन 91 देश बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
फाइजर की वैक्सीन भारत में उपलब्ध होगी या नहीं और होगी तो कब होगी? इस सवाल का जवाब फाइजर के चेयरमैन और सीईओ से एल्बर्ट बाउर्ला से ही जानिए कि भारत में फाइजर की वैक्सीन उपलब्धता पर वह क्या कहते हैं।
राहुल गाँधी ने देश में वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर मोदी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया तो केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दावे कर दिए कि इस साल के आख़िर यानी दिसंबर 2021 तक सभी लोगों को वैक्सीन लगा दी जाएगी। लेकिन क्या यह संभव है?
फाइजर ने कहा है कि इसकी वैक्सीन भारत में मिले नये स्ट्रेन पर तो 'बेहद प्रभावी' है ही। फाइजर ने यह भी कहा है कि 12 वर्ष से ज़्यादा उम्र के सभी लोग इस टीके को लगवा सकते हैं। कंपनी आपूर्ति भी करना चाहती है तो फिर दिक्कत कहाँ है?
भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार पर मेडिकल जर्नल लांसेट से जुड़े सिटिज़न कमीशन ने सुझाव दिया है कि कोरोना वैक्सीन को मुफ्त में लगाने के लिए खरीदने और बाँटने की एक केंद्रीय स्तर व्यवस्था होनी चाहिए।
बिना इंटरनेट और स्मार्ट फ़ोन की सुविधा वाले 18-44 साल की उम्र के लोग अब सीधे टीकाकरण केंद्र पर रजिस्ट्रेशन कराकर टीके लगवा सकते हैं। इंटरनेट, मोबाइल, ऐप से बिल्कुल अनजान लोग इस फ़ैसले से लाभ ले सकेंगे।