कोरोना वायरस के प्रकोप ने मानव जीवन और स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डाला है। लोग मर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं। मनोचिकित्सकों के क्लीनिक और परामर्श केंद्रों में मरीज लगातार आते ही जा रहे हैं।
कोरोना मरीज़ों में किडनी फ़ेल होने के मामले काफ़ी ज़्यादा आ रहे हैं और अमेरिका फ़िलहाल किडनी के डायलिसिस मशीनों की कमी के गंभीर संकट का सामना कर रहा है।
दुनिया भर में अभी तक यही आँकड़ा आया है कि कोरोना वायरस से महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की ज़्यादा मौत हो रही है। इस पर सीधा सवाल यही कौंधता है कि ऐसा क्यों हो रहा है? क्या वायरस पुरुषों को चुन-चुन कर हमला कर रहा है?