ऐसे समय जब देश के कोने-कोने से कोरोना संक्रमण फैलने की खबरें आ रही हैं और इससे रोज़ाना प्रभावित होने वाले लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है, सरकार 146 ज़िलों को लेकर ज़्यादा चिंतित है।
कोरोना के इस बार के हमले में बचाव का कोई हथियार टिक नहीं रहा। स्वास्थ्य व्यवस्था का खुद ही दम निकल चुका है। जैसे तेज़ तूफान में आदमी दोनों हाथों से आँख-नाक को बचाते हुए सिर दबाए रहता है, कुछ देखने की हिम्मत नहीं जुटा पाता, सरकारों का हाल वैसा ही है।
इंटरनेट के इस दौर में उत्तर प्रदेश की एक मशहूर और दिग्गज पत्रकार ताविषी श्रीवास्तव की मैं फोटो तलाश रहा था, पर नहीं मिली। इससे पता चलता है कि वह कितनी लो- प्रोफाइल रहती थी।
देश में रेमडेसिविर की कमी लेकिन महाराष्ट्र बीजेपी चोरी-छिपे क्यों लाई रेमडेसिविर? कठघरे में फडणवीस। देखिए दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का सटीक विश्लेषण। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ। Satya Hindi
सरकार ने पिछले साल कोरोना पर विजय घोषित कर लोगों को क्यों छला? न बेड्स, ने वेंटिलेटर्स, न ऑक्सीजन, चारों तरफ जलती चिताएं, क्या यही है निर्णायक मोदी सरकार? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की रिपोर्ट।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। उन्हें दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इस्टीच्यूट ऑफ़ मेडिकल साइसेंज के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
एक बेहद अहम घटनाक्रम में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, वाराणसी व दूसरे तीन शहरों में 26 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन का एलान कर दिया गया है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
हमेशा हंसती रहने और कभी किसी बात का बुरा न मानें वाली ताविषी के साथ न जाने कितनी यात्राएँ कीं। कितने पत्रकारीय अभियान छेड़े। आज भी जब लखनऊ जाता सबसे पहले मिलने आतीं। उनका कोई शत्रु नहीं था।... पढ़ें वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा को।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। कोना संकट के बीच अब जाकर पीएम मोदी ने संतों से प्रार्थना की है कि कुंभ अब प्रतीकात्मक तौर पर ही जारी रखा जाए।
ऑक्सीजन की कमी पर मोदी ने की बैठक, पीएम केयर्स पर उठे सवाल।कुंभ में कोरोना को लेकर आपस में भिड़े अखाड़े, 30 साधुओं को कोरोना। लांसेट पत्रिका में छपे शोध का दावा- हवा से अधिक फैलता है कोरोना। देखिए दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का विश्लेण। Satya Hindi
एक ओर रेमडेसिवीर को लेकर मारामारी चल रही है। अस्पतालों में इसकी कमी पड़ रही हैं। वहीं दूसरी ओर पैसे के भूखे लोग इसकी कालाबाजारी कर रहे हैं. हद तो ये है कि इसको OLX पर बेचा जा रहा है। देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की रिपोर्ट -
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। दुनिया में पहले से कई गुना अधिक तेज़ी से फैल रहे कोरोना को लेकर अब मेडिकल जर्नल लैंसेट ने एक अध्ययन से दावा किया है कि ये हवा में अधिक तेज़ी से फैल रहा है।
सरकार भले ही कहे कि कोरोना टीके की कोई कमी नहीं है, लेकिन 45 साल से कम के लोगों को इसकी ज़रूरत नहीं है और उन्हें नहीं दिया जाएगा, सच तो यह है कि कोरोना किसी उम्र के लोगों को नहीं बख़्श रहा है।