ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने डब्ल्यूएचओ की उस चेतावनी का हवाला दिया है जिसमें 'सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों में ढिलाई के कारण यूरोप में कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई'।
अब जब ओमिक्रॉन का ख़तरा सिर पर है तो क्या सरकार और दूसरी एजेंसियाँ डेल्टा वैरिएंट और कोरोना की दूसरी लहर से सबक़ सिखेंगी? क्या सावधानी बरती जाएगी, क्या चुनावी रैलियों को नियंत्रित किया जाएगा?
कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से बढ़ती चिंताओं के बीच भारत में क्या अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आगमन पर पूरी चौकसी बरती जा रही है? यदि ऐसा है तो दक्षिण अफ्रीका से आया एक यात्री दिल्ली से मुंबई कैसे पहुँच गया?
जानिए, कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल 23 मार्च से भारत में निलंबित निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें कब से शुरू होंगी और इसके लिए क्या-क्या शर्तें हैं।
दक्षिण अफ्रीका में आए नये वैरिएंट के बाद क्या अब दुनिया भर में फिर से यातायात पर प्रतिबंध लगेगा? जानिए ब्रिटेन, जर्मनी और इटली के फ़ैसले लेने के बाद अब यूरोपीय यूनियन ने क्या कहा।
दक्षिण अफ्रीका में मिले नये वैरिएंट के बाद दुनिया भर में चिंताएँ क्यों बढ़ गई हैं? आख़िर कितना ख़तरनाक है यह और भारत में इसको लेकर चेतावनी क्यों जारी की गई है?
यूरोप में जब कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं तो बड़ी हज़ारों की संख्या में लोग लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों के ख़िलाफ़ सड़कों पर प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?
दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण फिर से जोर पकड़ रहा है। पूर्वी यूरोप के कई देशों में रिकॉर्ड संक्रमण के मामले आ रहे हैं तो कुछ देशों में लॉकडाउन लगाना पड़ा है। जानिए, क्या है भारत सहित विश्व के लिए सबक़।
कोरोना की दूसरी लहर की तबाही के लिए क्या राजनीतिक एजेंडा ज़िम्मेदार है? न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार आईसीएमआर के लिए शोध करने वालों ने इस पर बड़ा खुलासा किया है।
कोरोना काल के बाद अदालतों में लंबित मामले रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गए हैं। सिर्फ़ निचली अदालतों में ही अब 4 करोड़ से ज़्यादा लंबित मामले हो गए हैं। ऐसा आख़िर क्यों हुआ?