क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून आने के बाद रिज़र्व बैंक एक डिजिटल करेंसी भी जारी करने जा रहा है। लेकिन सवाल है कि जिसकी कोई वास्तविक क़ीमत नहीं है उसको मान्यता कैसे मिलेगी?
क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती रफ़्तार को लेकर सरकार चिंतित है और इसे लेकर बिल लाने जा रही है। लेकिन सरकार से लेकर आरबीआई और सेबी इसे गंभीर मुद्दा क्यों मान रहे हैं?
बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर देश में इतना शोर क्यों हैं, प्रधानमंत्री मोदी खुद इसका ज़िक्र क्यों कर रहे हैं? आख़िर ये क्रिप्टोकरेंसी क्या है जिससे दुनिया भर की सरकारें चिंतित हैं?