अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब होना तो सरकार ने भी मान लिया है। इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनमोहन सिंह को ज़िम्मेदार बताया। क्या सच में ऐसा है? क्या प्रधानमंत्री मोदी की कोई जवाबदेही नहीं है? कौन ज़िम्मेदार है? नरेंद्र मोदी या मनमोहन सिंह? देखिए सत्य हिंदी पर आशुतोष की बात।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल सरकारी बैंकों के लिए सबसे ख़राब था।
सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकल प्रभाकर ने ही की है। देश की आर्थिक स्थिति ख़राब है। निर्मला के पति ने क्यों उठाये सवाल? क्या निर्मला उनकी बात को सुनेंगी और आर्थिक फ़ैसले में बदलाव लाएँगी? सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
ख़राब आर्थिक हालत के लिए अब आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने सरकार को निशाने पर लिया है। राजन ने कहा है कि 'केंद्रीय सत्ता' भारत को एक 'अंधेरे और अनिश्चित रास्ते' पर ले जा रही है।
मोदी सरकार के क़ानून मंत्री का बयान आर्थिक मंदी की वजह से अपनी नौकरियां गंवा देने वाले या व्यापार में घाटे की वजह से परेशान व्यापारियों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला है।
देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक साढ़े छह साल में सबसे कम है। जुलाई के मुक़ाबले अगस्त में औद्योगिक विकास 4.3 प्रतिशत से घटकर -1.10 प्रतिशत पर आ गया है। ऐसा क्यों हुआ, सरकार बताएगी?
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर लगातार निराश करने वाली ख़बरें आ रही हैं। बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गिरती अर्थव्यवस्था को संभाल पायेंगे और क्या उनके पास इस संकट से निपटने के लिए अच्छी टीम है।