कोर सेक्टर, सेंसेक्स, बैंकिंग, जीएसटी सभी की हालत सितंबर में भी ख़राब दर्ज हुई। यस बैंक का शेयर 400 से 27 रुपये पर आ गया। मारुति की बिक्री में 25 फ़ीसदी की गिरावट आई। जीएसटी एक लाख करोड़ से काफ़ी नीचे। देखिए शीतल के सवाल में पूरी रिपोर्ट।
आर्थिक मोर्चे पर घिरी केंद्र सरकार को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, अगस्त महीने में 8 कोर सेक्टर की विकास दर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ह्यूस्टन के हाऊडी मोडी कार्यक्रम के पहले राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से मुलाक़ात करेंग, जिसमें उद्योग-व्यापार पर प्रमुखता से बातचीत होगी।
प्रत्यक्ष कर उगाही लक्षय से कम है, इसी तरह जीएसटी उगाही भी लक्ष्य से कम है। इससे साफ़ है कि आर्थिक मंदी गहराती जा रही है। इससे वित्तीय घाटे के बढने की भी आशंका है।
भारतीय मीडिया के लिए इमरान ख़ान तो ख़बर हैं, लेकिन भारत ही ख़बर नहीं है। मंदी की वजह से देहातों में दुख पसर रहा है, पर ऐसी ख़बरें पाँच फ़ीसदी लोगों के लिए छपने वाली अंग्रेज़ी में छपती हैं। देखिए शीतल के सवाल में क्या है गाँवों का हाल।
प्रधानमंत्री मोदी को विदेश मामलों में तो अच्छी उपलब्धि मिल रही है, लेकिन गाँव-ग़रीबों के मामले में ऐसा नहीं है। इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है? गाँवों में रोज़गार के अवसर क्यों कम हो रहे हैं? माँग कम क्यों हो रही है? क्या इससे आर्थिक संकट नहीं बढ़ेगा? देखिए सत्य हिंदी पर शैलेश की रिपोर्ट।