विकास दुबे की पुलिस 'मुठभेड़' में हत्या, एक बार फिर से गैर न्यायिक हत्याओं की वैधता पर सवाल उठाती है जिसका अक़सर भारतीय पुलिस द्वारा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है।
हैदराबाद एनकाउंटर को जिस तरह समाज के विभिन्न तबक़ों का व्यापक समर्थन मिला, वह दरअसल एक तरह से हमारी न्याय व्यवस्था पर कठोर टिप्पणी है। इसका क्या होगा असर?