महाराष्ट्र में राज्यपाल की भूमिका पर सवाल क्यों उठ रहे हैं? क्यों क़रीब चार दशक पहले यानी कांग्रेस के सत्ता में रहने के समय से ही राज्यपाल की भूमिका पर विवाद होते रहा है? राष्ट्रपति शासन की ज़रूरत क्या है? और देश में राज्यों की तरह राष्ट्रपति शासन जैसी व्यवस्था क्यों नहीं है? देखिए शैलेश की रिपोर्ट में इन्हीं सवालों के जवाब?