बीजेपी और जेजेपी ने हरियाणा में मिलकर सरकार बनाने की घोषणा तो कर दी है लेकिन सवाल यह है कि क्या विधानसभा चुनाव में बीजेपी के ख़िलाफ़ ताल ठोकने वाले दुष्यंत चौटाला उसके साथ सरकार चला पायेंगे।
किसी भी राज्य में चुनाव के दौरान स्थानीय समस्याओं और मुद्दे से दूर हटाकर चुनाव प्रचार को राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों या राष्ट्रवाद से जोड़ने का जो 'मोदी मॉडल' है वह चला ही नहीं।
हरियाणा के चुनावी नतीजों के बाद बीजेपी बेहद चौकन्नी हो गई है क्योंकि उसका अगला लक्ष्य दिल्ली में सरकार बनाने का है और हरियाणा के चुनावी नतीजे यहां उसके दावे को कमजोर करते हैं।
बीजेपी ने भले ही सरकार बनाने का दावा करने की बात कह रही हो लेकिन जननायक जनता पार्टी यानी जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
हरियाणा में सरकार बनाने के लिए राजनीतिक हलचल तेज़ है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दिल्ली में पहुँच चुके हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी आज ही दावे पेश कर शपथ ग्रहण भी करा दे।
विधानसभा चुनाव में क्यों फेल हुआ राष्ट्रवाद? क्यों हिंदुत्व पर नहीं पड़ा वोट? जनता क्यों है नाराज़? सत्य हिंदी पर देखिए आशुतोष की बात में हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव नतीजों का विश्लेषण।
महाराष्ट्र व हरियाणा विधानसभा चुनाव और कई दूसरे राज्यों में उपचुनावों का मिलाजुला परिणाम आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने पार्टी की बड़ी जीत बताया।
हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा बनने की संभावना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी के ख़िलाफ़ हरियाणा में सभी दल साथ आएँ।