चीन की सेना ने हाल ही में भारतीय क्षेत्र लद्दाख के गालवान में 3-4 किलोमीटर तक प्रवेश किया है। भारत में कई लोग ऐसा सोचते हैं कि यह घटना दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर किसी छोटी ग़लतफहमी के कारण हुई, लेकिन ऐसा नहीं है।
पिछले कई हफ़्तों से जारी भारत-चीन सीमा विवाद पर भारत की ओर से पहला राजनैतिक बयान आया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है किविवाद को ख़त्म करने के लिए सैनिक और राजनयिक स्तर पर भारत और चीन के बीच प्रयास जारी है।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने तंज कसा है कि अब हमारे पास अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, जो दुनिया को हमारे प्रधानमंत्री के मूड के बारे में बता रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के 'घनिष्ठ दोस्त' माने जाने वाले डोनल्ड ट्रंप ने क्या फिर झूठ बोला? वह भी प्रधानमंत्री मोदी के बारे में ही? आख़िर ट्रंप ने किस आधार पर दावा कर दिया कि उन्होंने भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से बात की है?
कुछ दिनों की तल्खियों के बाद चीन और नेपाल ने ने सीमा-विवाद के मामले में अपना रवैया नरम किया है। इन दोनों देशों के प्रति भारत सरकार का रवैया दृढ़ लेकिन संयमपूर्ण रहा है।
भारत-चीन के बीच लद्दाख में पैदा हुआ टकराव सीमा विवाद की वज़ह से तो है मगर इसके गरमाने का कारण अंतरराष्ट्रीय राजनीति भी है। अमेरिका चीन की घेरेबंदी में लगा हुआ है और चीन उस घेरेबंदी को तोड़ने के लिए इस झगड़े को सुलगा रहा है। लेकिन जानकारों को ये भी लग रहा है कि कहीं भारत चीन के ख़िलाफ़ अमेरिका का मोहरा तो नहीं बन रहा? पेश है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
भारत और चीन के बीच मध्यस्थता की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की बुधवार को की गई पेशकश को इसलिये हलके में नहीं लिया जाना चाहिये कि वह नादानी में अक्सर ऐसा बोलते हैं।