नागरिकता क़ानून: एकजुट नहीं विपक्ष, दिखी मोटी दरार। नागरिकता क़ानून पर बीजेपी के दर्जा प्राप्त मंत्री रघुराज सिंह के विवादित बोल, कहा- मोदी-योगी के खिलाफ नारे लगाने वालों को 'जिंदा दफन' कर दिया जाएगा।Satya Hindi
दिसंबर में 2014 के बाद से उच्चतम स्तर पर महंगाई दर 7.35%।नागरिकता क़ानून: मीटिंग से मुख्य छह पार्टियाँ रहीं दूर।नागरिकता क़ानून पर नीतीश कुमार की पार्टी ने मारी पलटी!Satya Hindi
नागरिकता क़ानून: मीटिंग से मुख्य छह पार्टियाँ रहीं दूर।नागरिकता क़ानून पर नीतीश कुमार की पार्टी ने मारी पलटी!बीजेपी मंत्री: मोदी-योगी के ख़िलाफ़ बोले तो ज़िन्दा दफ़ना दूँगा।Satya Hindi
नागरिकता क़ानून: मीटिंग से माया, ममता, केजरी भी दूर।जेएनयू हिंसा: डेटा को संरक्षित रखें एपल, गूगल, और वॉट्सऐप।शिवसेना: POK पर कब्जे से टुकड़े-टुकड़े गैंग को सबक सिखाए।Satya Hindi
आज़ादी से पहले और आज़ादी के बाद ज़्यादातर बार सत्ता परिवर्तन में छात्र आंदोलनों की अहम भूमिका रही है। छात्र आंदोलनों की ताक़त को कमतर समझना हमेशा ही नुक़सान का सौदा रहा है।
कांग्रेस की फ़ैक्ट फ़ाइंडिंग कमिटी ने पाँच जनवरी को जेएनयू कैंपस में हिंसा के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार को हमले का 'मास्टरमाइंड' क़रार दिया है।
साबरमती हॉस्टल के दो वार्डनों का कहना है कि उन्होंने जेएनयू कैंपस में पाँच जनवरी को शाम चार ही हाथों में लाठी और रॉड लिए नकाबपोशों की भीड़ को देखा था और उसी समय उन्होंने पुलिस और जेएनयू सुरक्षा कर्मियों को इसकी सूचना दे दी थी।
ममता: नागरिकता क़ानून केवल कागजों पर, नहीं करेंगे लागू।‘एक दिन सरकार डिटेंशन सेंटर में होगी और हम आज़ाद होंगे’।सोनिया: CAA का मक़सद लोगों को धार्मिक आधार पर बाँटना।SatyaHindi
जेएनयू पर हमले के 6 दिन बाद भी किसी की गिरफ़्तारी नहीं होने से आलोचना की शिकार दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि उसने वॉट्सऐप ग्रुप के 60 में से 37 लोगों की पहचान कर ली है। इनमें से 10 लोग बाहरी हैं, यानी जेएनयू के नहीं हैं।
जेएनयू में हुई हिंसा की जांच को लेकर दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। सुनिए, जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस की कार्यशैली को लेकर क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष।
अगर दिल्ली पुलिस में संविधान और लोकतंत्र की तिनके भर की भी इज्जत है तो उसे सबूतों के आधार पर असली अपराधियों पर तुरंत हाथ डालना चाहिए। पर्दाफ़ाश कर रहे हैं शीतल पी. सिंह।
जेएनयू हिंसा: दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल ही सवाल। सूत्र: जेएनयू हिंसा में पुलिस ने 37 लोगों की पहचान की।पीएम का कोलकाता दौरा, लगे ‘गो बैक मोदी’ के नारे।SatyaHindi