Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । किसानों ने कंगना रनौत का किया घेराव, माफ़ी माँगने को कहा । कंगना बोलीं- 'किसानों ने मुझे जान से मार देने की धमकी दी
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। सिखों का अपमान: कंगना को दिल्ली विधानसभा कमेटी ने पेश होने को कहा। NBDSA : न्यूज़ नेशन हटाए ‘धर्मांतरण जिहाद’ की सभी वीडियो, दी चेतावनी
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। दिल्ली के कोर्ट ने पात्रा के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने का आदेश दिया। सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने को लेकर कंगना पर FIR
कंगना रनौत देश की आज़ादी को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद उन्होंने महात्मा गांधी पर हमला किया है। कंगना ने गांधी जी के अहिंसा के मंत्र का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि दूसरे गाल को भी आगे कर देना भीख है न कि आज़ादी।
आज़ादी और गाँधी के बारे में कंगना की आपत्तिजनक टिप्पणियों को किस तरह से लिया जाए? इसे उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में देखा जाए या फिर हेट स्पीच के तौर पर? क्या वे उन करोड़ों भारतीयों की भावनाओं को आहत नहीं कर रहीं जो गाँधी को राष्ट्रपिता मानते हैं? क्या उन्हें अनदेखा या माफ़ किया जा सकता है?
कंगना रनौत ने जब एक कार्यक्रम में कहा कि आज़ादी 1947 में नहीं बल्कि 2014 में मिली है तो तालियाँ बजाने वाले लोग कौन थे? आख़िर किसी ने भी खड़े होकर विरोध क्यों नहीं जताया?
‘भीख में मिली आज़ादी’ वाले बयान को लेकर कंगना रनौत बुरी तरह घिर गई हैं। उन्हें विशेष सुरक्षा देने वाली मोदी सरकार के मंत्री और बीजेपी के बड़े नेता इस पर चुप क्यों हैं।
1947 की आज़ादी को 'भीख में मिली आज़ादी' बताना ऐसे है जैसे पृथ्वी पर जीवित व्यक्ति वायु के अस्तित्व को खारिज कर दे, लेकिन क्या इसके लिए कंगना की गरिमा को चोटिल करना जायज है? क्या एक महिला का इस तरह अपमान किसी भी रूप में सही है?
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । कंगना का वरुण को जवाब- ‘गांधी के भीख के कटोरे में मिली आज़ादी...जा और रो अब’ । खुर्शीद से असहमत आज़ाद, कहा, आईएस व हिन्दुत्व की तुलना ग़लत