उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा का एक साल: क्या पीड़ितों को मिला न्याय?कपिल मिश्रा फिर से क्या दोहराना चाहते है? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की दिल्ली दंगे को लेकर ये रिपोर्ट-
दिल्ली दंगे के एक साल हो गए। देश इसे एक बुरे सपने की तरह शायद भूलने की कोशिश में है, लेकिन बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने एक ताज़ा विवादित बयान देकर उन घटनाक्रमों की पीड़ा को फिर से ताज़ा कर दिया!
दिल्ली दंगे पर एक किताब के लॉन्च इवेंट पर विवाद के बाद अब इसके प्रकाशक ब्लूम्सबरी इंडिया ने किताब के प्रकाशन से हाथ खींच लिए हैं। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के नाम पर विवाद हुआ था।
दिल्ली हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की एक के बाद एक दाखिल हो रही चार्जशीट रोज़ नए खुलासे कर रही है। मगर असली खुलासा स्पेशल सेल द्वारा दाखिल होने वाली चार्जशीट में देखा जा सकेगा।
नाम 'शांति मार्च'। और नारे लगाए गए- 'किसी को मत माफ़ करो, जिहादियों को साफ़ करो', 'देश के गद्दारों को, गोली मारो ... को'। यह कैसा शांति मार्च! क्या बंदूक़ की गोली से कभी शांति आ सकती है?
दिल्ली हिंसा की जाँच की हो रही है तो आप एक सवाल पर ग़ौर फरमाइए, देश में कितने दंगे हुए हैं जिसमें शामिल दोषियों और साज़िशकर्ताओं के ख़िलाफ़ जाँच एजेंसी पहुँच पाती है?
दिल्ली हिंसा में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के 'भड़काऊ भाषण' को लेकर बीजेपी के ही नेता गौतम गंभीर ने आलोचना की है। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा है कि ऐसे नेता के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।