प्रियंका गाँधी ने उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती में धांधली को लेकर योगी सरकार पर ज़ोरदार हमला बोलते हुए इसे व्यापमं घोटाले जैसा घोटाला क़रार दिया है।
कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान भी यूपी में पत्रकारों पर सरकारी कहर जारी है। बीते दो महीनों में कई पत्रकारों के उत्पीड़न की घटनाएँ सामने आने के बाद फतेहपुर ज़िले में गंगा व यमुना नदियों में जल सत्याग्रह किया।
कांग्रेस की ओर से बसों की सूची में फ़र्ज़ीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किए गए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को गुरुवार को ज़िला जेल भेज दिया गया। बसें भी वापस लौट गईं।
48 घंटों में घर वापसी कर रहे 60 से ज़्यादा मज़दूरों की सड़कों पर कुचल कर हुई मौत के बाद योगी सरकार ने शहरों की सीमाएँ सील कर पैदल या अन्य गाड़ियों से आ रहे मज़दूरों को रोक दिया है।
उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश की सीमा पर झाँसी ज़िले में दो दिनों में हज़ारों की तादाद में बाहर से लौट रहे मज़दूर फँसे हुए हैं। अचानक पहुँचे उन मज़दूरों को झाँसी में रोक लिया गया और आगे नहीं जाने दिया गया।
कोरोना संकट और लॉकडाउन के इस दौर में उत्तर प्रदेश में विपक्ष चुप्पी ओढ़े बैठा है। ऐसे में लगता है कि विपक्ष की भूमिका ख़ुद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने संभाल ली है। रह रह कर विधायकों की ओर से सरकार पर हमले बोले जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कथित तौर पर घटिया पीपीई किट सप्लाई के मामले में किसी तरह के घोटाले से साफ़ इनकार कर दिया है। घटिया पीपीई किट की सप्लाई को लेकर लिखी गयी महानिदेशक की चिट्ठी के लीक होने की अलबत्ता जाँच शुरू कर दी है।
मध्य प्रदेश के सिंगरौली ज़िले के शासन में रिलायंस घराने (अनिल अंबानी समूह) के बिजलीघर का फ्लाई एश डैम टूट गया है। तेज़ बहाव में दो लोगों की मौत हो गयी है जिनमें एक बच्चा शामिल है जबकि कई लोग लापता हैं।
कोरोना संकट के चलते देश के बड़े शहरों मज़दूरों, ग़रीबों का पलायन भीड़ की शक्ल में अब नहीं दिख रहा है, लेकिन पैदल गाँवों के रास्ते या कस्बाई सड़कों पर लौटते हज़ारों लोग दिख रहे हैं। वे क्वरेंटाइन सेंटर छोड़कर भाग रहे हैं।
कोरोना के चलते उत्तर प्रदेश में वसूली, कुर्की की कार्रवाई पर उच्च न्यायालय ने रोक दी है। इन सबके बाद नागरिकता संशोधन क़ानून यानी सीएए विरोधी हिंसा के आरोपियों को नोटिस, कुर्की, वसूली, मुक़दमों का सिलसिला रुका नहीं है।
होर्डिंग मामले में योगी सरकार के वसूली अध्यादेश पर रविवार को इस पर राज्यपाल का हस्ताक्षर भी हो गया। संपत्ति नुक़सान पहुँचाने वाले को अब क्षतिपूर्ति देनी ही होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने क्लेम ट्रिब्यूनल भी बना दिया है।