स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी हैं। हिंदू-मुस्लिम अलग नहीं, बल्कि एक हैं। भारत में रहने वाले सभी लोगों का डीएनए एक है। भारत में इस्लाम ख़तरे में नहीं है।
सरकार ने अब मॉब लिंचिंग यानी पीट-पीट कर मारने के आँकड़े भी छुपा लिए! नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी एनसीआरबी ने अपराध से जुड़े आँकड़े तो जारी कर दिए लेकिन मॉब लिंचिंग की रिपोर्ट नहीं जारी की है।
लिंचिंग की अजीब दास्ताँ है। सरेआम पीट-पीट कर मार दिए गये। लिन्चिंग के वीडियो बने। कुछ मामलों में मृतकों ने मौत से पहले पीटने वालों के नाम तक बताए। प्रत्यक्षदर्शी थे। फिर भी सज़ा नहीं। ज़िम्मेदार कौन?
गो हत्या और गो मांस का सेवन किस काल-खंड में होता रहा है या नहीं होता रहा है, क्या इसे अन्य धर्मों के लोगों को आदर करना चाहिए? इस पर एक नया विवाद क्यों छिड़ गया है?
फ़िल्म निर्देशकों, अभिनेताओं, कला जगत की 49 हस्तियों को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र क्यों लिखना पड़ा? देश में हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए उन्हें क्यों कहना पड़ा? क्या जय श्री राम के नाम पर क्यों पीटा जा रहा है?