क्या जब मां-बाप बुरे समय से गुजरते हैं तो बच्चों को इन बातों की कितनी जानकारी देनी चाहिए?क्या उनमें बुरे समय की समझ है और नहीं है तो क्या उन्हें समझाना चाहिए। बच्चों के मेंटल हेल्थ से लेकर बच्चों से खराब स्थिति की बात किस हद तक करनी चाहिए? Satya Hindi
जैसी कि पहले से आशंका थी कोरोना वायरस और लॉकडाउन से लोगों की मानसिक स्वास्थ्य की दिक्कतें बढ़ेंगी, अब इसके आँकड़े भी आने लगे हैं। एक हेल्पलाइन पर दो महीने में 45 हज़ार लोगों ने संपर्क किया है।
किसी भी संकट की स्थिति में व्यक्ति-विशेष की विशिष्ट प्रतिक्रियाएँ होती हैं। यदि संक्रामक महामारी की स्थिति हो तो उस समय व्यक्तियों में यह भय उत्पन्न हो जाता है कि कहीं उन्हें या उनके परिवार के सदस्यों में यह संक्रमण न हो जाए।
बच्चो और युवाओं में बढ़ता मानसिक तनाव ,कैसे निपटेगी सरकार इस चुनौती से और क्या करेगा समाज?
डॉ निमेष जी देसाई (निदेशक, IHBAS) और मधु जुनेजा (कौंसलर और सामाजिक कार्यकर्ता) से नीलू व्यास (एडिटर, करंट अफेयर्स) की ख़ास बातचीत